खतरा टला: सेबूवाला में कृत्रिम झील का अस्तित्व समाप्त
कृत्रिम झील का अस्तित्व समाप्त।
खतरा टला: सेबूवाला में कृत्रिम झील का अस्तित्व समाप्त
- चार जुलाई को दैनिक जागरण ने किया था सेबूवाला में कृत्रिम झील बनने का पर्दाफाश
-सूर्यधार बांध और रानीपोखरी में नवनिर्मित पुल को पैदा हो गया था खतरा
संवाद सहयोगी, डोईवाला: सूर्यधार झील से तीन किलोमीटर आगे सेबूवाला में बनी कृत्रिम झील का अस्तित्व पीएमजीएसवाई विभाग ने करीब 20 दिन की मशक्कत के बाद समाप्त कर दिया है। भविष्य में भी मलबा आदि आने से झील का निर्माण न होने पाए। इसको देखते हुए विभाग ने जाखन नदी के पानी की निकासी के लिए पूर्व के तीन मीटर चौड़े स्थान को तेरह मीटर कर दिया है। साथ ही विभाग ने मलबे से बाधित किसानों की सिंचाई नहर में भी पानी की निकासी शुरू कर दी है।
सेबूवाला गांव के समीप जाखन नदी में सड़क कटिंग का मलबा डाले जाने से पानी की निकासी बाधित हो गई थी। इससे वहां पर एक कृत्रिम झील का निर्माण हो गया था। इससे सूर्यधार बांध समेत रानीपोखरी में नवनिर्मित पुल को खतरा पैदा हो गया था। दैनिक जागरण ने सर्वप्रथम इस मामले को चार जुलाई को उठाया था। इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर लगातार कई विभाग के अधिकारियों ने यहां दौरा कर बनी कृत्रिम झील के समाधान के प्रयास शुरू किए। पीएमजीएसवाई विभाग ने कड़ी मशक्कत के बाद 14 जुलाई को रास्ता बनाते हुए पोकलेंड मशीन झील तक पहुंचाई। रविवार को विभाग ने अपना कार्य पूरा कर लिया। पीएमजीएसवाई नरेंद्र नगर के सहायक अभियंता मनोज शर्मा ने बताया कि रविवार को मलबा फैलाने का कार्य पूर्ण हो गया है। झील को उसके प्राकृतिक रूप में कर दिया गया है। जिससे कि अब पानी अपने बहाव में बह रहा है। अब इस स्थान पर किसी प्रकार की कोई झील नहीं है। वहीं नदी में वर्तमान में काफी जल स्तर भी बढ़ा हुआ है।