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    ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के चार स्टेशनों को अगस्त में शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Mon, 14 Jul 2025 08:17 PM (IST)

    ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में देवप्रयाग जनासू मलेथा और श्रीनगर में स्टेशन निर्माण के लिए टेंडर जल्द जारी होंगे। सबसे बड़े कर्णप्रयाग स्टेशन के लिए अलग टेंडर होगा। आरवीएनएल अगस्त में टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। 126 किमी की परियोजना में सुरंगों का 95% काम पूरा हो गया है। दिसंबर 2027 तक स्टेशनों का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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    Rishikesh Karnprayag rail project: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर चार स्टेशनों के निर्माण को रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) अगस्त में टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। परियोजना में स्टेशन निर्माण के लिए अब तीन टेंडर जारी होने हैं। वहीं, 126 किमी लंबी इस रेल परियोजना पर सुरंगों की खोदाई का करीब 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

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    पहाड़ी जिलों को रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस रेल परियोजना में कुल 13 स्टेशन बनने हैं। इनमें वीरभद्र और योगनगरी ऋषिकेश रेल स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

    वीरभद्र स्टेशन को रि-माड्यूल किया गया, जबकि योगनगरी नाम से नए स्टेशन का निर्माण हुआ। ऋषिकेश में पुराने स्टेशन के साथ योगनगरी स्टेशन से भी ट्रेनों का संचालन होता है।

    बीते जून में शिवपुरी और व्यासी रेल स्टेशन के निर्माण को टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। निर्माण करने वाली कंपनी को काम शुरू करने के दिन 40 दिन का समय दिया गया था।

    जुलाई आखिर या अगस्त की शुरूआत में दोनों स्टेशनों पर कार्य शुरू हो जाएगा। दिसंबर 2027 तक स्टेशनों का निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य है। इस पर 52 करोड़ की लागत आने का अनुमान है।

    इसी कड़ी में अब देवप्रयाग, जनासू, मलेथा और श्रीनगर रेल स्टेशन के लिए एक टेंडर निकालने की तैयारी है।

    इसके बाद परियोजना के अगले चार स्टेशनों धारी देवी, तिलनी, घोलतीर और गौचर के लिए एक टेंडर निकला जाएगा। परियोजना के सबसे बड़े रेल स्टेशन कर्णप्रयाग के लिए अलग से टेंडर जारी होगा। इन नौ स्टेशनों के निर्माण पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    रेल परियोजना पर एक नजर

    कुल लागत 16,216 करोड़ रुपये
    वर्ष 2019 में शुरू हुआ कार्य
    कुल लंबाई 126 किमी
    17 सुरंगों से होकर गुजरेगी इसमें से 105 किमी लाइन
    सबसे लंबी सुंरग 14.08 किमी (देवप्रयाग से जनासू के बीच)
    सबसे छोटी सुरंग 200 मीटर (सेवई से कर्णप्रयाग के बीच)

    11 सुरंगों की लंबाई छह किमी से अधिक

    शिवपुरी और व्यासी रेल स्टेशन का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। आरवीएनएल और निर्माण करने वाली कंपनी के बीच एक बैठक होनी बाकी है। अगस्त में चार स्टेशनों देवप्रयाग, जनासू, मलेथा और श्रीनगर के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कुल तीन टेंडर निकाले जाने हैं। इसमें दो टेंडर चार-चार स्टेशनों और एक कर्णप्रयाग स्टेशन के लिए निकाला जाएगा।

    - ओपी मालगुड़ी, उप महाप्रबधंक (सिविल), आरवीएनएल