Dharali Disaster: उत्तरकाशी में फिर हुआ कुछ ऐसा, जिसने बढ़ा दी सभी की धड़कन; 23 घंटे बाद मिली राहत की खबर
मंगलवार को धराली और गंगोत्री जैसे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में दोपहर बाद संचार सेवा ठप हो गई जिससे राहत कार्यों में बाधा आई। डबराणी में फाइबर केबल टूटने से यह समस्या हुई। वी टेल ने आइटीबीपी की मदद से 23 घंटे बाद सेवा बहाल की। जियो ने भी संचार सेवाएं बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एयरटेल कर्मी को सांप काटने के बावजूद अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सुमन सेमवाल, धराली। आपदाग्रस्त क्षेत्र धराली और इससे जुड़े क्षेत्रों में मंगलवार दोपहर को अचानक कुछ ऐसा हुआ, जिसने देशभर में नई आशंका को जन्म दे दिया था। दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे अचानक सभी के मोबाइल के नेटवर्क ठप पड़ गए।
आपदाग्रस्त क्षेत्र धराली के साथ ही डबराणी से लेकर हर्षिल, गंगोत्री तक के क्षेत्र में यही स्थिति थी। राहत एवं बचाव कार्यों में लगे कार्मिकों के साथ ही यहां के प्रभावित किसी भी कॉल करने की स्थिति में नहीं थे।
इसी तरह उत्तरकाशी से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे व्यक्तियों ने आपदाग्रस्त क्षेत्र में कार्यरत या फंसे अपने स्वजनों से संपर्क करने का प्रयास किया तो कॉल नहीं लगी। इससे बेचैनी बढ़ने लगी, जो समय के साथ आशंका को भी बार बार जन्म दे रही थी।
पुलिस और एसडीआरएफ ने वायरलेस से दूरसंचार सेवा के ठप पड़ने का कारण जानने का प्रयास किया तो पता चला कि डबराणी और सोनगाड़ के बीच सड़क निर्माण के दौरान एक पेड़ खंभों से गुजर रही आप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के ऊपर जा गिरा। जिससे पूरी लाइन भागीरथी में समा गई। दोनों छोर पर 250 से 300 मीटर का अंतर था और नीचे नदी। ऐसे में तत्काल रूप में लाइन जोड़ने की गुंजाइश भी समाप्त हो गई थी।
जैसे जैसे राहत गहराने लगी समूचे क्षेत्र में बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी। सेटेलाइट फोन गिने चुने व्यक्तियों की पहुंच में थे और वह भी सीमित समय के लिए। ऐसे व्यक्तियों ने तो अपने स्वजनों और परिचितों को अवगत करा दिया था कि चिंता की बात नहीं है, लाइन कटने से कनेक्टिविटी गई है।
लेकिन, बड़ी संख्या में ऐसे लोग थे, जो यह बताने की भी स्थिति में नहीं थे कि आखिर धराली, आसपास और गंगोत्री तक ऐसा क्या हुआ, जिससे वह संपर्क से बाहर हो गए। दूरसंचार सेवा से महरूम मंगलवार की रात हजारों व्यक्तियों पर भारी गुजरी। आपदाग्रस्त क्षेत्र होने से रह रहकर मन से आशंका जन्म ले रही थी। बुधवार सुबह भी यही स्थिति रही। दिन चढ़ने तक भी कनेक्टिविटी बहाल होने के कोई आसार नजर नहीं आए।
हालांकि, दोपहर को जब वी टेल के सहायक महाप्रबंधक चांद डिमरी केबल के बंच के साथ सोनगाड़ क्षेत्र में पहुंचे तो उम्मीद बढ़ गई। उन्होंने आइटीबीपी के जवानों के सहयोग से केबल को पहाड़ी के रास्ते दूसरे छोर पर पहुंचाया और केंक्टिविटी को बहाल किया। जब करीब 23 घंटे बाद आशंका के बीच राहत की घंटी बजी तो सभी की जान में जान आ गई।
जियो की अथक मेहनत, एयरटेल कर्मी को सांप ने डसा
आपदाग्रस्त क्षेत्र में दूरसंचार सेवाओं की बहाली के लिए दूरसंचार कंपनियों के कार्मिक भी अथक मेहनत कर रहे हैं। खासकर इस दिशा में सबसे पहले जियो ने धराली क्षेत्र में संचार सेवाओं को बहाल करने का काम किया। अब जियो टीम ने गंगोत्री सेवा को भी संचार सेवाओं को इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ जोड़ दिया है।
वहीं, एयरटेल के काम में एक पारी घटना से कुछ खलल पड़ गया। सोनगाड़ क्षेत्र को जंगल के रस्ते पार करते समय एयरटेल कर्मी को सांप ने डस लिया। उसी हालत में कर्मी आगे बढ़ता रहा, लेकिन स्थिति खराब होने के चलते पुलिस ने उसे अपस्ताल में भर्ती करा दिया। फिलहाल, उसकी हालत खतरे से बाहर है।
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