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    उत्तराखंड: शिक्षा निदेशक के पत्र से शिक्षकों में रोष, फैसले को जल्द वापस लेने की मांग

    उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के पत्र पर आपत्ति जताई है। इस पत्र में नई प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्वाचन के बाद ही संघ से वार्ता की बात कही गई है। शिक्षकों ने इस फैसले को शीघ्र वापस लेने की मांग की है।

    By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 29 Jun 2021 02:31 PM (IST)
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    शिक्षा निदेशक के पत्र से शिक्षकों में रोष, फैसले को जल्द वापस लेने की मांग।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के पत्र पर आपत्ति जताई है। इस पत्र में नई प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्वाचन के बाद ही संघ से वार्ता की बात कही गई है। शिक्षकों ने इस फैसले को शीघ्र वापस लेने की मांग की है। साथ ही शिक्षकों ने चार जिलों में जिला कार्यकारिणी के चुनाव शीघ्र कराने पर सहमति जताई है।

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    रेसकोर्स स्थित पदम सिंह प्राथमिक शिक्षक भवन में सोमवार को प्रांतीय कार्यसमिति, जनपदीय अध्यक्ष, मंत्री व कोषाध्यक्ष की संयुक्त बैठक प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई। शिक्षकों ने कहा कि चार जिलों में चुनाव होने के बाद ही प्रांतीय चुनाव होंगे। ऐसे में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से वार्ता न होने से शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण कैसे होगा। निदेशक के पत्र से शिक्षकों में रोष है। दिग्जिवय सिंह चौहान ने कहा कि अधिकारियों को शासन की ओर से स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि गैर मान्यता प्राप्त संगठनों से न वार्ता की जाए और न ही उनके पत्रों पर कार्रवाई की जाए। इसके बाद भी अधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं।

    शिक्षकों ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा में कार्यरत कार्मिकों के लिए जिन छह संगठनों को शासन ने मान्यता दी, उनके कार्य, निर्वाचन, वित्तीय अभिलेख, पंजीकरण आदि की विभाग जांच करवाए। कहा कि कई संगठनों ने सोसायटी पंजीकरण अधिनियम में नियमावली संशोधन कराए बिना चुनाव करा दिए, विभाग ने इसका भी संज्ञान नहीं लिया। जो संगठन विभाग से निर्वाचन को लेकर अनुमति मांग रहे हैं, उन्हें इन्कार किया जा रहा है।

    बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि प्रांतीय कार्यसमिति का कार्यकाल सितंबर 2021 में पूरा होना है, इससे पहले विकासखंड व जिलों में निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न होगी। नौ जिलों के चुनाव हुए हैं, जबकि अब कोविड-19 की स्थिति सामान्य होने के बाद ही तीन पदों पर टिहरी, उत्तरकाशी, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के चुनाव शीघ्र कराए जाएंगे। इसके अलावा बैठक में स्कूलों को खोलने, गोल्डन कार्ड की विसंगतियां दूर करने, पुरानी पेंशन बहाली, स्टेट काउंसिलिंग से नियुक्त शिक्षकों का स्थानांतरण, एलटी समायोजन, समग्र शिक्षा का वेतन भुगतान, छात्रों के बैंक खाते खुलवाने पर भी चर्चा हुई। इस मौके पर प्रदेश महामंत्री नंदन सिंह रावत, जनक सिंह राणा, जितेंद्र कुमार, विक्रम झिंकवान, दिनेश भट्ट, गुलाब सिरोही, किशोर जोशी, मनोज जुगरान आदि मौजूद रहे।

    जिले के चुनाव को लेकर कुछ शिक्षक नाराज

    जिलों में चुनाव कितने पदों पर होंगे और पूर्व में कितने पदों पर कराए गए, इस बात को लेकर कुछ शिक्षकों ने नाराजगी जताई। उनका कहना था कि पूर्व में यदि पांच पदों पर कुछ जिलों में चुनाव हुए हैं तो अन्य चार जिलों में भी इसी तर्ज पर चुनाव होने चाहिए।

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