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    Surya Grahan 2022 : आखिर ग्रहण काल में क्‍यों बंद किए जाते हैं मंदिरों के कपाट? जानिए वजह

    Surya Grahan 2022 धर्म में ग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के द्वार ग्रहण खत्म होने तक बंद रखे जाते हैं। मंगलवार को सूर्य ग्रहण काल प्रात चार बजकर 26 मिनट से शाम पांच बजकर 32 मिनट तक रहेगा और इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे।

    By Nirmala BohraEdited By: Updated: Tue, 25 Oct 2022 04:16 PM (IST)
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    Surya Grahan 2022 : ग्रहण काल में क्‍यों बंद किए जाते हैं मंदिरों के कपाट?

    टीम जागरण, देहरादून : Surya Grahan 2022 : साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज 25 अक्टूबर को है। इस दौरान हिंदू धर्म में ग्रहण के दौरान सभी मंदिरों के द्वार ग्रहण खत्म होने तक बंद रखे जाते हैं। लेकिन क्‍या आपको पता है कि ऐसा क्‍यों किया जाता है नहीं तो हम बताते हैं।

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    ग्रहण पर यह भी मान्‍यता है कि ग्रहण काल पर भोजन आदि खाद्य पदार्थों में भी तुलसी की पत्ती डाली जाती है। जिसके बाद ही उन्‍हें खाया जाता है। वहीं इस बार सूर्यग्रहण के कारण दीपावली के बाद आने वाले त्योहार गोवर्धन पूजा और भैया दूज की तिथियां आगे बढ़ गई हैं।

    ग्रहण समाप्ति के बाद खुलेंगे मंदिरों के कपाट

    सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार आज 25 अक्टूबर को दोपहर बाद 02 बजकर 29 मिनट से शुरू हुआ और शाम 06 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार को सूर्य ग्रहण सूतक काल प्रात: चार बजकर 26 मिनट से शाम पांच बजकर 32 मिनट तक रहेगा और इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिरों में साफ सफाई कर शाम की पूजा और आरती संपन्‍न होंगी।

    जब ग्रहण पूरी तरह से समाप्त हो जाता है तो सभी मंदिरों में देवी देवताओं की मूर्तियों को स्‍नान कराया जाता है। मंदिरों को भी साफ किया जाता है। इसके बाद ही देवी देवताओं की मूर्तियों को पुनः मंदिर में स्थापित किया जाता है।

    ग्रहण पर देवीय शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है

    आचार्य सुशांत राज के अनुसार हिंदू धर्म में ग्रहण को लेकर कुछ परंपराएं काफी प्राचीन समय से चली आ रही हैं। मंदिरों के कपाट बंद होना भी इसी में शामिल है। ग्रहण के दौरान मंदिरों के अलावा घर में मौजूद पूजा स्थल को भी कपड़ों से ढक दिया जाता है।

    मान्‍यता है कि ग्रहण के दौरान देवीय शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है और असुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान पूजा पाठ करने की मनाही होती है। इस दौरान मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान मौन अवस्था में रहकर मंत्र जाप करना चाहिए।

    क्‍या हैं ग्रहण से जुड़ी परंपराएं

    • ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए
    • ग्रहण के दौरान सोने पर भी प्रतिबंध रहता है
    • ग्रहण के दौरान मौन अवस्था में रहकर मंत्र जाप करना चाहिए
    • गर्भवती महिलाओं को खास ध्‍यान रखना चाहिए