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    सुभारती मेडिकल कॉलेज सील, सरकार करेगी अधिग्रहित

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 07 Dec 2018 03:00 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर वर्ष 2017 में एमबीबीएस के दाखिले करना श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज को भारी पड़ गया। ...और पढ़ें

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    सुभारती मेडिकल कॉलेज सील, सरकार करेगी अधिग्रहित

    जागरण संवाददाता, देहरादून: सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर वर्ष 2017 में एमबीबीएस के दाखिले करना श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज प्रशासन को भारी पड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट के गुरुवार को जारी आदेश पर शाम को ही प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज को सील कर दिया है। देहरादून में नंदा की चौकी के समीप स्थित मेडिकल कॉलेज पर सीलिंग की यह कार्रवाई पुलिस फोर्स की मौजूदगी में एसडीएम विकासनगर जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में की गई। अब शुक्रवार को राज्य सरकार कॉलेज का कब्जा लेगी।

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    दरअसल, दो साल पूर्व मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने सुभारती मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण कर तमाम खामिया पाई थीं। इस पर एमसीआइ ने कॉलेज की मान्यता का आवेदन अस्वीकार कर दिया। 30 अगस्त 2017 को कॉलेज प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एमबीबीएस में दाखिले कराने की अर्जी दायर की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर 2017 में दाखिले के आदेश जारी कर दिए। हालांकि इसके बाद मनीष वर्मा नाम के व्यक्ति ने खुद को संपत्ति का मालिक बताकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। वहीं, कॉलेज के छात्रों ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ये छात्र कॉलेज की मान्यता को लेकर आशंकित थे। उन्होंने खुद को किसी अन्य कॉलेज में शिफ्ट करने को याचिका दाखिल की थी। तभी से इस प्रकरण में सुनवाई चल रही है।

    सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का पक्ष जानने के बाद पाया कि वास्तव में यह संपत्ति श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज की नहीं है। कॉलेज संचालकों ने कोर्ट में गलत तथ्य पेश किए गए हैं। गुरुवार को सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश रो¨हटन फली नरीमन व एमआर साह की पीठ ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड को आदेश दिए कि कॉलेज को तत्काल सील कर दिया जाए। साथ ही राज्य सरकार को कॉलेज पर शुक्रवार तक कब्जा लेकर एमसीआइ के नियमों के अनुरूप हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय से संबद्ध करने को कहा। फैकल्टी व अन्य आवश्यक संसाधन की पूर्ति भी राज्य सरकार के स्तर पर की जाएगी।