उत्तराखंड में नए जिलों के गठन से पहले बनेंगे उप विकासखंड
प्रदेश में नए जिले और विकासखंड बनाने में आ रही तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। इसे देखते हुए सरकार ने जिला गठन से पहले उप विकासखंड बनाने का निर्णय लिया है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में नए जिले और विकासखंड बनाने में आ रही तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने पहले उप विकासखंड बनाने का निर्णय लिया है। इस विषय को कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।
इसके अलावा सरकार कैबिनेट के समक्ष सामूहिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को एक लाख रुपये का अनुदान, खेती करने वाली महिलाओं को मनरेगा श्रमिक के रूप में चिह्नित करने और पर्वतीय क्षेत्रों में उपमंडी खोलने के विषय भी लाएगी।
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बीजापुर राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को होने वाली कैबिनेट के कुछ मुख्य विषय मीडिया के साथ साझा किए।
उन्होंने कहा कि सरकार के सामने नए विकासखंड बनाने में तकनीकी दिक्कत आ रही है। सरकार की मंशा 15 वें वित्त आयोग के आने से पहले प्रशासनिक इकाइयों का मसला तय करना है। इसके लिए हम हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं। इससे राज्य पर व्यय भार को तय करने में भी मदद मिलेगी।
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उन्होंने कहा कि अनिश्चितकाल के लिए चीजों को छोड़ा नहीं जा सकता। अभी 22 जगहों से विकासखंड बनाने की बात आई है। इनमें अभी 2-3 जगह ही स्पष्टता आई है। इस पर सैद्धांतिक निर्णय लिया जाएगा। नए जिलों में भी इसी प्रकार की दिक्कत आ रही है। अब जिलों के लिए जगह-जगह से मांग आ रही है। जो ग्रंथावली देखी है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि सुलझने की बजाए मौके उलझेंगे। सरकार के इस कदम से साफ हो गया है कि अब जल्द नए जिलों व विकासखंडों के गठन की प्रक्रिया आरंभ होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा आधारित सामूहिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार अहम निर्णय लेना चाहती है। सामूहिक खेती के लिए कैबिनेट में लीजिंग पॉलिसी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो महिला खेती का काम कर रही है उसे मनरेगा वर्कर के रूप में माना जाएगा।
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इसी प्रकार सामूहिक खेती के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को अभी तक एक लाख रुपये का ब्याजमुक्त ऋण देने की व्यवस्था थी। अब सरकार यह राशि अनुदान के रूप में देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के उत्पादों को अभी बाजार नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए अब पर्वतीय क्षेत्रों में उपमंडी खोली जाएंगी। हालांकि, मंडियों पर भार न पड़े, इसके लिए इनमें कुछ ही उत्पादों को शामिल किया जाएगा।
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हड़तालियों से मुख्यमंत्री ने की अपील
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इन दिनों हड़ताल कर रहे संगठनों से सरकार को थोड़ा समय देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार को नियम व कानून के दायरे में रहकर समस्या का हल निकालना है। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के निर्णय सरकार के हाथ बांधे हैं।
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उन्होंने कहा कि हड़ताली संयम रखें। कैबिनेट में ऐसे मसलों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह तय सरकार पुराने सिस्टम को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी प्रदेश में 55 हजार कार्मिकों की समस्या का तुरंत समाधान नहीं निकाला जा सकता। सरकार से अपेक्षा करनी चाहिए लेकिन मामले को उलझाने नहीं बल्कि सुलझाने की बात सोचनी चाहिए।
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