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यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज की ऑनलाइन परीक्षा से छात्र खुश

यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) ने अपने समस्त पाठ्यक्रमों के सेमेस्टर में अध्ययनरत छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 04:59 PM (IST)
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज की ऑनलाइन परीक्षा से छात्र खुश
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज की ऑनलाइन परीक्षा से छात्र खुश

देहरादून, जेएनएन। यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) ने अपने समस्त पाठ्यक्रमों के सेमेस्टर में अध्ययनरत छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की हैं। विवि की ओर से ऑनलाइन परीक्षाओं के आयोजन का उद्देश्य छात्रों को समय से डिग्री देना है। ताकि छात्र-छात्राएं समय रहते रोजगार पा सकें।

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विवि की कुलसचिव डॉ. बीना दत्त ने बताया कि यूपीईएस द्वारा ऑनलाइन परीक्षाओं का आयोजन विश्वभर के नियामकों व नियोक्ताओं द्वारा प्रामाणिक एक विश्वसनीय माध्यम से कराया जा रहा है। इसका नाम मेटल ऑनलाइन परीक्षा है। यह त्रुटिहीन व सुरक्षित है। ऑनलाइन परीक्षाओं का यह सिस्टम पूरी तरह गोपनीय एवं सटीकता पर आधारित है। विवि की ओर से भी छात्रों को दो विकल्प दिए गए हैं। पहला ऑनलाइन परीक्षा व दूसरा कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन समाप्त होने बाद विवि खुलने पर ऑफ लाइन परीक्षा। विवि ने एक से 10 मई के बीच ऑनलाइन परीक्षा कार्यक्रम जारी किया है। विवि के अंतिम वर्ष के 2354 छात्रों की मेटल प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन परीक्षाएं ली जा रही हैं।

पहली से तीन मई के बीच 2316 छात्रों ने सफलता पूर्वक ऑनलाइन परीक्षा दी। विवि की ऑनलाइन परीक्षा सिस्टम से छात्र बेहद खुश हैं। कोरोना महामारी के संकट के चलते बदली परिस्थितियों में विवि ने जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की ऑनलाइन परीक्षा साफ्टवेयर प्रयोग किया छात्र उससे पूरी तरह संतुष्ट हैं। विवि के कुलपति डॉ. सुनील रॉय ने भी ऑनलाइन प्लेटफार्म छात्रों को उपलब्ध कराने पर प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि समय पर पारदर्शी परीक्षा कराने से छात्र आगे प्लेसमेंट व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में आसानी से शामिल हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि यूपीईएस विवि अनुदान आयोग (यूजीसी) की कोविड-19 गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कर रहा है।

नए वर्चुअल प्लेटफार्म से जुड़े 75 डिग्री कॉलेज

प्रदेश के सभी 105 सरकारी डिग्री कॉलेज आगामी एक हफ्ते में टीसीएस ऑयन ग्लास रूम के नए वर्चुअल प्लेटफार्म का उपयोग प्रारंभ कर देंगे। अब तक 75 कॉलेज इससे जुड़ चुके हैं। उधर, उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन ने कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं में दिए गए सत्रीय कार्य के आंतरिक मूल्यांकन के अंक वार्षिक परीक्षाओं के अंक में जोड़े जाएंगे।

प्रदेश के सरकारी डिग्री कॉलेज जल्द ही जूम-एप के इस्तेमाल से निजात पा जाएंगे। टीसीएस के वर्चुअल लर्निंग प्लेटफार्म से एक वर्ष तक सभी सरकारी डिग्री कॉलेजों, राज्य विश्वविद्यालयों को मुफ्त सेवा मिलेगी। इसके बाद इस प्लेटफार्म से कॉलेजों के जुड़ने का सिलसिला तेज हो चुका है। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों की दिक्कतों का प्राथमिकता से निस्तारित किया जाएगा। इसके लिए गढ़वाल मंडल के छह जिलों के लिए नौ और कुमाऊं मंडल के छह जिलों के लिए छह नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।

जिलेवार नामित इन नोडल अधिकारियों की सूचना विभाग की ओर से सार्वजनिक की गई है। उन्होंने बताया कि जिलेवार डिग्री कॉलेजों के छात्र ऑनलाइन शिक्षा में आ रही परेशानी के संबंध में नोडल अधिकारियों से संपर्क साध सकते हैं। उक्त अधिकारी छात्रों की समस्याओं का प्राथमिकता के साथ निदान करेंगे।

पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा को साढ़े 11 हजार आवेदन

प्रदेश के निजी व सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के लिए बुधवार तक 11,503 छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन आवेदन किया है। आवेदन करने की अंतिम तिथि दस मई तय है, हालांकि प्राविधिक शिक्षा परिषद इसे आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।

पूर्व में यह परीक्षा 10 व 11 मई को होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे टाल दिया गया। सामान्य छात्र को 800 रुपये व अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को 500 रुपये आवेदन शुल्क तय है। परिषद के अनुसार प्रदेश में पॉलिटेक्निक की 20990 कुल सीट हैं। जिसमें से 15,479 निजी पॉलिटेक्निक, जबकि 5521 राजकीय पॉलिटेक्निक सीटों पर दाखिले किए जाने हैं। राजकीय पॉलिटेक्निक पित्थूवाला के प्राचार्य एके सक्सेना ने बताया कि अभी तक सीटों के सापेक्ष आधे आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। हो सकता है कि आवेदन की अंतिम तिथि आगे बढ़ा दी जाए।

ज्ञानदीप कार्यक्रम में शिक्षक सवालों के जवाब भी देंगे

लॉकडाउन के बीच सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई सुचारू रखने के लिए दूरदर्शन पर ज्ञानदीप कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में समस्या बन रहे एकतरफा संवाद को खत्म करने का तरीका भी खोज लिया गया है। प्रसारण के दौरान छात्र-छात्राएं अपने सवालों को नोट करेंगे और अपने शिक्षकों को देंगे। स्कूलों के प्रधानाचार्य ये सवाल ज्ञानदीप कार्यक्रम के नोडल अधिकारी को मेल या दूसरे माध्यम से पहुंचाएंगे। सप्ताह के अंतिम दिनों के प्रसारण में शिक्षक इन्हीं सवालों का जवाब देंगे।

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प्रदेश भर में चल रही ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए शिक्षा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। इसके तहत ज्ञानदीप कार्यक्रम का दूरदर्शन पर रोजना दोपहर एक से ढाई बजे के बीच प्रसारण किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विभिन्न विषयों के शिक्षक छात्रों को पढ़ाई करा रहे हैं। लेकिन यह कार्यक्रम एकतरफा हो गया है, क्यों छात्र अपने सवाल नहीं पूछ पा रहे हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने सप्ताह के अंत में प्रसारण के दौरान छात्र-छात्राओं के सवालों का जवाब देना तय किया है। डॉ. सती ने बताया कि छात्र प्रसारण के दौरान अपने सवाल नोट कर अपने शिक्षकों पहुंचाएंगे। प्रधानाचार्य के माध्यम से हम तक यह सवाल पहुंचाए जाएंगे। सप्ताह के अंत में केवल इन्हीं सवालों का जवाब टीवी पर प्रसारित किया जाएगा।

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