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सामूहिक दुष्कर्म मामले में स्कूल के निदेशक समेत आठ को सजा Dehradun News

देहरादून में एक बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में विशेष पोक्सो जज रमा पांडेय कोर्ट ने आरोपी छात्र को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 02:12 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 08:48 PM (IST)
सामूहिक दुष्कर्म मामले में स्कूल के निदेशक समेत आठ को सजा Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। सहसपुर के भाऊवाला स्थित जीआरडी बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म और गर्भपात कराने के मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने सोमवार को फैसला सुना दिया। अदालत ने स्कूल निदेशक समेत आठ लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। मुख्य अभियुक्त छात्र को सर्वाधिक 20 साल कैद की सजा सुनाई गई है। अदालत ने स्कूल प्रशासन पर 10 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, जो पीडि़ता को दिए जाएंगे। कोर्ट का फैसला सुनते ही निदेशक लता गुप्ता फफक पड़ीं। 

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जिला शासकीय अधिवक्ता जीसी रतूड़ी ने अदालत को बताया कि घटना 14 अगस्त 2018 की है। पीडि़ता बोर्डिंग स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा थी। यहां सरबजीत सिंह निवासी बहरैनी अमरिया, पीलीभीत इंटरमीडिएट का छात्र था। घटना वाले दिन सरबजीत व तीन अन्य नाबालिग छात्र पीडि़ता को स्कूल परिसर में झाडिय़ों में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसका पता कुछ महीने बाद तब चला, जब छात्रा गर्भवती हो गई।

छात्रा ने इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को दी तो निदेशक लता गुप्ता निवासी राजपुर रोड, प्रधानाचार्य जितेंद्र शर्मा निवासी गुरुनानकपुर सिविल लाइंस लुधियाना (पंजाब), प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा व उसकी पत्नी तन्नू मल्होत्रा निवासी नेहरू कॉलोनी थाना बजरिया कानपुर (उत्तर प्रदेश) और आया मंजू रमोला ने साजिश रचकर गर्भपात करा दिया। इससे छात्रा की हालत बिगड़ गई। छात्रा के साथ रहकर पढ़ाई कर रही उसकी छोटी बहन ने पिता को फोन कर पूरी बात बताई। पीडि़ता के पिता के देहरादून आने पर चारों छात्रों समेत नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।

पुलिस ने नाबालिग आरोपितों के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड और अन्य के खिलाफ पोक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। लेकिन, किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग आरोपितों को दोषमुक्त करार दे दिया। अभियोजन पक्ष ने बोर्ड के फैसले को पोक्सो कोर्ट में चुनौती दी। सुनवाई के दौरान आया मंजू सरकारी गवाह बन गई। अभियोजन पक्ष ने 19 और बचाव पक्ष ने दो गवाह पेश किए। इस प्रकरण में पीडि़ता और उसकी बहन की गवाही अहम रही।

दोषियों को ये मिली सजा 

- मुख्य अभियुक्त छात्र सरबजीत को 20 साल कठोर कारावास, पांच हजार जुर्माना

- निदेशक लता गुप्ता और एओ दीपक मल्होत्रा को नौ-नौ साल कैद व 82-82 हजार जुर्माना 

- एओ की पत्नी तन्नू को नौ साल कैद व 72 हजार रुपये अर्थदंड।

- प्रधानाचार्य जितेंद्र को तीन साल कैद व 22 हजार रुपये अर्थदंड।

- जुर्माना अदा न करने पर सरबजीत व जितेंद्र को तीन-तीन माह और शेष को छह-छह माह की अतिरिक्त सजा

- स्कूल प्रशासन को छात्रा के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का दोषी करार देते हुए 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया।

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नाबालिग दोषियों को ढाई-ढाई साल की कैद

सामूहिक दुष्कर्म में शामिल तीन अन्य नाबालिग छात्रों को भी अदालत ने दोषी करार देते हुए ढाई-ढाई साल की सजा सुनाई है। साथ ही आदेश दिया है कि तीनों नाबालिग सात दिन के भीतर किशोर न्याय बोर्ड में आत्मसमर्पण करें। एक नाबालिग पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है, जिसे अदा न करने पर उसे एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

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