Updated: Sun, 13 Jul 2025 01:31 PM (IST)
देहरादून में खतरनाक कुत्तों के हमलों को देखते हुए सख्त कानून बनाने की तैयारी है। वर्तमान में नियम लचर होने के कारण कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती। शहरी विकास निदेशक ने ठोस कानून पर विचार करने की बात कही है। गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पहले से ही कड़े कानून लागू हैं। निकायों की मांग पर शासन स्तर पर नियम लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। घरों में खूंखार कुत्ते पालने और उनके किसी पर हमला करने के मामले में उत्तराखंड में नियम-कायदे बेहद लचर हैं। अब प्रदेश की राजधानी में खतरनाक नस्ल के कुत्तों के हमले बढ़ते जा रहे हैं।
कार्रवाई के नाम पर पुलिस कुछ कर नहीं पाती और नगर निगम मामूली चालान तक सीमित है। अब सवाल उठ रहा है कि किसी को बुरी तरह घायल कर देने या कुत्ते के हमले में जान चली जाने पर जवाबदेही किसकी है।
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साथ ही हमले में घायल व्यक्ति को उपचार का खर्च तक खुद वहन करना पड़ता है। गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब आदि राज्यों में इसे लेकर कड़े कानून बना दिए गए हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने इसे जरूरी नहीं समझा। हां, अब जरूर निकायों के लिए कोई ठोस कानून लागू कराने की बात कही जा रही है।
केंद्र सरकार की ओर से 12 मार्च 2024 को जारी 23 खतरनाक नस्ल के कुत्तों पर प्रतिबंध की एडवाइजरी पर राज्य सरकार ने कोई अलग शासनादेश या नया निर्देश जारी कर लागू नहीं किया। हालांकि, स्थानीय निकायों और प्रशासन की ओर से इस पर कुछ कदम उठाए गए। निकाय स्तर पर उपविधि (बायलाज) के अनुरूप कार्रवाई की जाती है।
इसमें भी ज्यादा से ज्यादा चालान और लाइसेंस निरस्त करने का प्रविधान है। अब जाखन में कुत्तों के हमले में घायल बुजुर्ग महिला अस्पताल में दर्द से कराह रही है और मानसिक सदमे में है। महिला के उपचार पर ढाई लाख रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं। इस मामले में कुत्तों का मालिक महज एक हजार रुपये का चालान भुगत सामान्य जीवन जी रहा है।
गुजरात के सूरत में कुत्तों के हमलों और उनकी गंभीरता को देखते हुए एक नया नियम लागू किया गया है, जिसके तहत कुत्ता पालने के लिए आसपास के 10 घरों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में खतरनाक प्रजाति के कुत्तों को पालने पर प्रतिबंद्ध है।
नगर निकाय अपने स्तर पर ही उपविधि लागू करते हैं। परिस्थितियों के अनुसार निकायों से मांग की जाती है तो शासन स्तर पर नियम लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। खतरनाक कुत्तों के हमलों और पालन आदि पर कार्रवाई के लिए शासन गाइडलाइन जारी करेगा। सभी निकायों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। - गौरव कुमार, अपर सचिव एवं निदेशक, शहरी विकास
नगर निगम की उपविधि के अनुरूप पंजीकरण अनिवार्य है और बंध्याकरण व टीकाकरण भी सुनिश्चित कराया जाता है। इसके अलावा नियमों को और सख्त बनाने के लिए शासन से पत्राचार किया जाएगा। यदि शासन नई गाइडलाइन जारी करता है तो उसी के तहत कड़ी कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा। - नमामी बंसल, नगर आयुक्त, देहरादून
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