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    उत्तराखंड में खसरा-रूबेला के सफाया को विशेष टीकाकरण मुहिम शुरू, 2026 तक प्रदेश को बीमारी से मुक्त करने का लक्ष्य

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 04:13 PM (IST)

    उत्तराखंड को खसरा और रूबेला से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग जुलाई से विशेष टीकाकरण अभियान शुरू करेगा। बैठक की अध्यक्षता मिशन निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने की। वर्ष 2026 तक प्रदेश को इस बीमारी से मुक्त करने का लक्ष्य है। टीकाकरण सत्रों की निगरानी यूविन पोर्टल से की जाएगी। अधिकारियों को जन-जागरूकता अभियानों पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।

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    प्रदेश में जुलाई से चलेगा विशेष टीकाकरण अभियान। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड को खसरा-रूबेला मुक्त (एमआर फ्री) बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने कमर कस ली है। वर्ष 2026 तक प्रदेश को एमआर फ्री बनाने के लक्ष्य के तहत स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई से विशेष टीकाकरण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय एनएचएम उत्तराखंड के सभागार में हुई राज्य टास्क फोर्स की बैठक में लिया गया।

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    बैठक की अध्यक्षता मिशन निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने की। मिशन निदेशक ने कहा कि प्रदेश सरकार खसरा और रूबेला जैसी संक्रामक बीमारियों के उन्मूलन को लेकर पूरी तरह गंभीर है और इसके लिए 95 प्रतिशत या उससे अधिक टीकाकरण कवरेज हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है।

    उन्होंने कहा कि राज्य इस लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में प्राप्त करेगा। बैठक में एनएचएम निदेशक डा. मनु जैन, राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. कुलदीप मार्तोलिया, उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा शैलेन्द्र सिंह चौहान, स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक डा. हितेंद्र, महिला एवं बाल विकास से स्टेट नोडल अधिकारी तरुणा चमोला, आइएपी के अध्यक्ष डा. हंस, आइडीएसपी के सहायक निदेशक डा. सौरभ सिंह, अर्बन हेल्थ प्रोग्राम के सहायक निदेशक सहायक निदेशक डा.फरीदुज्जफर के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएनडीपी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी मुख्य चिकित्साधिकारी और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

    बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक

    स्वाति भदौरिया ने कहा कि खसरा और रूबेला जैसी बीमारियां बच्चों को निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर, अंधत्व और मृत्यु जैसी गंभीर बीमारियों की ओर धकेल सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में ये भ्रूण विकृति और गर्भपात का कारण बन सकती हैं। ऐसे में इस अभियान की सफलता बेहद जरूरी है।

    यूविन पोर्टल से होगी निगरानी

    प्रदेशभर में जुलाई 2025 से अगले तीन माह तक विशेष एमआर टीकाकरण सप्ताह आयोजित किए जाएंगे। इन टीकाकरण सत्रों की मानिटरिंग यूविन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। अगर किसी स्थान पर सत्र नहीं हो पाता है तो उसके कारणों की गहन समीक्षा की जाएगी और सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

    टीकाकरण के लिए जन-जागरूकता जरूरी

    बैठक में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने-अपने जिलों में नियमित टीकाकरण सत्रों की समीक्षा करें और जन-जागरुकता अभियानों पर भी विशेष ध्यान दें ताकि आमजन टीकाकरण के महत्व को समझ सकें।