Uttarakhand Politics: तो पांच साल पहले के 'पालाबदल' की होगी पुनरावृत्ति
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव पास आते ही सरगर्मियां तेज हो गईं। भाजपा ने चुनाव से पहले पालाबदल की शुरुआत के मामले में बाजी मार ली। इस घटनाक्रम से भाजपा नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस सहित कुछ अन्य विधायक भी भाजपा में आने को तैयार हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड की राजनीति में पालाबदल का जो खेल शुरू हुआ था, लगता है उसकी पुनरावृत्ति होने जा रही है। भाजपा निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार को अपने खेमे में ला ही चुकी है और अब जल्द कुछ अन्य विधायक उसके पाले में आ सकते हैं। भाजपा नेताओं के दावों पर यकीन किया जाए तो तीन विधायक और कुछ पूर्व विधायक जल्द पार्टी का दामन थामते नजर आएंगे।
उत्तराखंड में दलबदल हालांकि इसके जन्म के बाद ही शुरू हो गया था, लेकिन इसका सबसे बड़ा उदाहरण बना मार्च 2016 में विधानसभा का बजट सत्र। उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में एक साथ नौ कांग्रेस विधायक सरकार पलटने की कोशिश करते हुए पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत अपनी सरकार बचा ले गए, लेकिन वह दलबदल को रोक नहीं पाए। इसके बाद अगले कुछ महीनों में दो अन्य कांग्रेस विधायकों ने भी भाजपा का रुख कर लिया।
कांग्रेस पांच वर्ष पहले के इस झटके से अब तक उबर नहीं पाई है। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के कई नेता दावा करते आ रहे हैं कि विधायकों समेत कुछ भाजपा नेता उनके संपर्क में हैं लेकिन चुनाव से पहले पालाबदल की शुरुआत के मामले में बाजी भाजपा मार ले गई। निर्दलीय विधायक एवं पूर्व मंत्री प्रीतम सिंह पंवार बुधवार को ही भाजपा में शामिल हुए। कांग्रेस की पिछली सरकार को समर्थन देते हुए पंवार को मंत्री पद हासिल हुआ था। इससे कहीं न कहीं कांग्रेस को उम्मीद रही होगी कि पंवार आगे भी उनका साथ देंगे, लेकिन हुआ इसके उलट।
इस घटनाक्रम से उत्साहित भाजपा नेता अब सार्वजनिक तौर पर यह कहने से गुरेज नहीं कर रहे हैं कि कांग्रेस सहित कुछ अन्य विधायक भी भाजपा में आने को तैयार हैं। गुरुवार को कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने विधायक समेत कुछ नेताओं के भाजपा में शामिल होने के संकेत दिए। उधर, लैंसडौन से भाजपा विधायक दिलीप रावत ने तो भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं का आंकड़ा ही बता दिया। उन्होंने कहा कि तीन विधायक जल्द भाजपा का हिस्सा बनने जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक एक अन्य निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा को भी भाजपा में विधिवत शामिल करने की तैयारी है। हालांकि कैड़ा शुरुआत से ही भाजपा को समर्थन देते आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि दो कांग्रेसी विधायकों से भी भाजपा नेता लगातार संपर्क बनाए हुए हैं और इन्हें पार्टी में शामिल करने पर जल्द फैसला हो सकता है। समझा जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ विधायकों को अगर भाजपा अपने पाले में लाने में कामयाब रहती है तो इससे कांग्रेस को तो झटका लगेगा ही, साथ ही पार्टी के अंदर उभर रहे दबाव समूह को भी दरकिनार करने का रास्ता खुल जाएगा।
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