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    सौर ऊर्जा से जगमगाएगा उत्तराखंड, विश्वविद्यालय निभाएंगे अहम भूमिका

    Solar उत्तराखंड में बिजली संकट से निपटने के लिए सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना और पीएम सूर्यघर बिजली योजना के तहत 300 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में विश्वविद्यालय भी योगदान देंगे। बड़े परिसर वाले विश्वविद्यालयों के भवनों में सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे।

    By Ravindra kumar barthwal Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 14 Oct 2024 08:10 PM (IST)
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    सरकारी विश्वविद्यालय भवनों में लगेंगे सोलर रूफटाप (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    रविंद्र बड़थ्वाल, जागरण, देहरादून। सौर ऊर्जा आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को विद्युत संकट से राहत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना और पीएम सूर्यघर बिजली योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल 300 मेगावाट क्षमता से अधिक सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जाएगी। इस लक्ष्य को पाने में अब विश्वविद्यालय भी बड़ा योगदान देंगे।

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    बड़े परिसर वाले विश्वविद्यालयों के भवनों में सोलर रूफटाप स्थापित किए जाएंगे। सरकारी विश्वविद्यालयों में संयंत्रों की स्थापना के प्रस्ताव को शासन स्तर पर अंतिम रूप दिया जा रहा है।

    हरित ऊर्जा के रूप में सौर ऊर्जा को प्रदेश सरकार प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री साैर स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उत्तराखंड में 250 मेगावाट के सौर संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।अभी तक 9.4 मेगावाट क्षमता के 51 संयंत्र लगे हैं, जबकि 174 मेगावाट क्षमता के संयंत्रों के लिए 971 आवंटन पत्र जारी किए गए हैं।

    इसके साथ ही पीएम सूर्यघर बिजली योजना भी संचालित हो रही है। इसके अंतर्गत 31.5 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इस योजना में सरकारी कार्यालय भवनों में ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्रों को लगाया जा रहा है।

    सरकारी भवनों में लगेंगे 60 मेगावाट के सौर संयंत्र

    प्रदेश सरकार वर्ष 2026 तक सरकारी कार्यालय भवनों के माध्यम से 60 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करेगी। इस क्रम में अभी तक 305 सरकारी भवनों में नौ मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र लगाए जा चुके हैं। चालू वित्तीय वर्ष में ही 1695 भवनों में 24.5 मेगावाट क्षमता की स्थापना प्रस्तावित है।

    सौर संयंत्रों की स्थापना से अतिरिक्त बिजली प्रदेश को प्राप्त हो रही है। इससे विद्युत संकट से निपटने में भी राहत मिल रही है, साथ में सरकारी भवनों के विद्युत बिल में कमी आने से सरकार पर आर्थिक भार कम होगा।

    विश्वविद्यालय के लिए तैयार होगा प्रस्ताव

    इस योजना को विस्तार देने के लिए अब विश्वविद्यालयों को भी इस योजना का हिस्सा बनाया जा रहा है। विशेष रूप से बड़े परिसर वाले सरकारी विश्वविद्यालयों पंतनगर, कुमाऊं, दून के भवनों में सोलर रूफटाप स्थापित करने की योजना है, ताकि बड़े सौर संयंत्रों की स्थापना के साथ ही अधिक सौर उत्पादित बिजली मिल सके। इसे देखते हुए इस संबंध में वैकल्पिक ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव तैयार कर रहा है।

    एनटीपीसी का भी ले रहे हैं सहयोग

    वैकल्पिक ऊर्जा अपर सचिव रंजना राजगुरु ने कहा कि सरकारी विश्वविद्यालयों में सोलर रूफटाप लगाए जाएंगे। इस कार्य में नेशनल थर्मल पावर कारपारेशन (NTPC) का सहयोग भी लिया जाएगा। 

    विश्वविद्यालयों की सूची प्राप्त की जा चुकी है। सरकार अपने संसाधनों से विश्वविद्यालयों में सोलर रूफटाप स्थापित करेगी। निजी विश्वविद्यालयों को भी उनके अपने संसाधनों से सोलर रूफटाप स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन संयंत्रों की स्थापना के संबंध में आवश्यक जानकारी उन्हें उपलब कराई गई है।