यहां समाज कल्याण विभाग को मालूम ही नहीं है 'ट्रांसजेंडर' की परिभाषा
समाज के उपेक्षित वर्ग के उत्थान का जिम्मा संभाल रहे समाज कल्याण विभाग को ट्रांसजेंडर की परिभाषा नहीं मालूम।
देहरादून, [गौरव ममगाईं]: समाज के उपेक्षित वर्ग के उत्थान का जिम्मा संभाल रहे समाज कल्याण विभाग को ट्रांसजेंडर की परिभाषा ही मालूम नहीं है। हैरत की बात यह कि केंद्र सरकार की ओर से संचालित ट्रांसजेंडर पेंशन योजना के लिए विभाग ने समुदाय के पात्रों की खोज को डेढ़ साल पहले सर्वे किया था, लेकिन विभागीय टीम जानकारी के अभाव में ट्रांसजेंडर समुदाय के पास पहुंचने के बजाय अन्य समुदाय विशेष के पास पहुंच गई। लेकिन योजना अन्य समुदाय विशेष के लिए होने की वजह से उन्होंने योजना का लाभ लेने से मना कर दिया। इसके बाद से विभाग यही मान बैठा कि जिले में ट्रांसजेंडर ही नहीं हैं और योजना ने शुरू होते ही दम तोड़ दिया।
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए पेंशन योजना शुरू की गई है। इसमें पात्र को 1000 रुपये मासिक पेंशन दी जाती है। विभाग ने जिले में ट्रांसजेंडर समुदाय को योजना को लेकर पात्रों को चिह्नित करने व जागरूक करने का प्रयास किया था। लेकिन, दुर्भाग्य से विभागीय टीम पात्र ट्रांसजेंडर को खोजना तो दूर, समुदाय के लोगों तक पहुंचने में भी नाकाम रही।
इसके बाद से विभाग ने पेंशन योजना को लेकर कोई जागरूकता कार्यक्रम तक नहीं चलाया। आलम यह है कि करीब दो वर्ष पूर्व शुरू की गई योजना में अभी तक एक भी पात्र पंजीकृत नहीं हो पाया है। हालांकि विभाग का कहना है कि यदि समुदाय का कोई पात्र विभाग के पास पहुंचता है तो उन्हें योजना का लाभ जरूर मिलेगा। पेंशन योजना को लेकर जब ट्रांसजेंडर समुदाय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि योजना के बारे में कोई जानकारी उन्हें है ही नहीं। न तो विभाग का कोई अधिकारी या कर्मचारी समुदाय के लोगों के पास पहुंचा और न ही उन्होंने योजना के प्रचार-प्रसार के जरिये समुदाय को जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने ये भी बताया कि उनके समुदाय में कई गरीब भी हैं, जिनके लिए गुजर-बसर करना मुश्किल होता है। यदि उन्हें योजना की जानकारी मिलती तो वह लाभ जरूर लेते। हालांकि समुदाय के लोगों ने नाम प्रकाशित न करने का आग्रह भी किया।
यह है पात्रता
- ट्रांसजेंडर समुदाय का व्यक्ति।
- आयु 40 वर्ष से अधिक व 60 वर्ष से कम।
- व्यक्ति सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के आर्थिक उत्थान में संचालित किसी योजना का लाभ न लेता हो।
- अधिकतम मासिक आय 4000।
समाज कल्याण विभाग के निदेशक मेजर योगेंद्र यादव का कहना है कि विभागीय योजना को लेकर ट्रांसजेंडर समुदाय को जागरूक किया जाएगा, ताकि समुदाय के लोग योजना का लाभ लेने को जिला समाज कल्याण कार्यालय में पहुंचे।
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