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अब सोशल मीडिया के मैसेज और वीडियोज की होगी जांच, जानिए कैसे

अब सोशल मीडिया अकाउंट्स पर आने वाले मैसेज और वीडियो की जांच अब संभव है। कई ऐसे सॉफ्टवेयर आ गए हैं जहां फोटो वीडियो और मैसेज की सत्यता को जांचा जा सकता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 02:26 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 08:57 PM (IST)
अब सोशल मीडिया के मैसेज और वीडियोज की होगी जांच, जानिए कैसे
अब सोशल मीडिया के मैसेज और वीडियोज की होगी जांच, जानिए कैसे

देहरादून, जेएनएन। सोशल मीडिया अकाउंट्स पर आने वाले मैसेज और वीडियो की जांच अब संभव है। डिजिटल एंपावरमेट फाउंडेशन दिल्ली के तकनीकी विशेषज्ञ ने बताया कि पिछले साल तक ऐसा कोई प्लेटफार्म नहीं था, जहां इस तरह के मैसेज और वीडियो की सत्यता को परखा जा सके, मगर विश्व के तमाम देशों खासकर भारत में आपत्तिजनक मैसेज और वीडियो वायरल होने से हुई घटनाओं के बाद वॉट्सअप ने कई सुरक्षा उपायों को शामिल किया है। वहीं, कई ऐसे सॉफ्टवेयर आ गए हैं जहां फोटो, वीडियो और मैसेज की सत्यता को जांचा जा सकता है। 

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निजी जिंदगी से लेकर सरकारी स्तर पर सूचनाओं के आदान-प्रदान को भले ही सबसे सुविधाजनक हो, मगर इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग भी हो रहा है। मुश्किल तब और खड़ी हो जाती है, जब उसके जरिए किसी अपराध को अंजाम दे दिया गया हो। ऐसे में पुलिस उसी की जांच में उलझ कर रह जाती है, कई बार तो महीनों की पड़ताल के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आता। इसे देखते हुए शुक्रवार को पुलिस लाइन के सम्मेलन कक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

डिजिटल एंपावरमेट फाउंडेशन डिप्टी मैनेजर कम्यूनिकेशन रवि गुरिया ने बताया कि सोशल मीडिया पर आने वाले फोटो, वीडियो को तुरंत यकीन न करें। उसकी सच्चाई का पता लगाएं। लिंक पर कतई क्लिक न करें। यदि लगता हो कि मैसेज, फोटो या वीडियो फर्जी है तो उसे फॉरवर्ड करने के बजाए डिलीट कर दें। अन्यथा इससे अफवाह फैल सकती है और शांति और कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है। 

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं। सोशल मीडिया अकाउंट हैक करने की भी घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में अकाउंट से जुड़े सुरक्षा उपायों का जरूर इस्तेमाल करें। इससे काफी हद तक परेशान होने से बचा जा सकता है। कार्यशाला में डिजिटल एंपावरमेंट फाउंडेशन की असिस्टेंट मैनेजर कम्यूनिकेशन क्रिस्टी ने भी जानकारी दी। 

इन बातों पर जरूर ध्यान दें 

-अधिकांश फर्जी मैसेज में व्याकरण दोष होता है। 

-किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी स्पेलिंग पर बारीकी से गौर करें। 

-फर्जी फोटो को देखकर ही लग जाता है कि इसके साथ छेड़छाड़ की गई है। 

-वाट्सअप की सेटिंग में जाकर टू-स्टेप वेरीफिकेशन को ऑन कर दें। इससे कोई अकाउंट हैक नहीं कर पाएगा। 

-फोटो, वीडियो को देखकर जाना जा सकता है कि यह कहां की है। 

फोटो, वीडियो की यहां करें जांच 

रवि गुरिया ने बताया कि अगर लगे कि कोई फोटो या वीडियो फर्जी हो सकता है तो उसकी जांच के माध्यम हैं। बताया कि एएलटी न्यूज के वॉट्सअप नंबर 09825255790 और बूमलाइव के वॉट्सअप नंबर 07700906111 पर फोटो वीडियो भेजकर उसकी सत्यता का पता लगाया जा सकता है। वहीं, इमेज रिवर्स सर्च वेबसाइट पर जाकर फोटो, वीडियो अपलोड कर उसकी सत्यता का पता लगाया जा सकता है। 

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