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    बारिश से चकराता में जमी बर्फ पिघली... ऊंची पहाड़ियां बर्फबारी से सफेद; क्रिसमस और न्यू ईयर से पहले कुदरत का तोहफा

    चकराता में हुई बर्फबारी से ऊंची पहाड़ियां बर्फ से ढक गई हैं लेकिन बारिश के कारण निचले इलाकों में बर्फ पिघल गई है। पर्यटक बर्फबारी का आनंद लेने पहुंचे लेकिन बारिश ने उनके मजे किरकिरा कर दिए। हालांकि चकराता क्षेत्र के ऊंचाई वाले स्थानों पर अभी भी छह इंच तक बर्फ जमी हुई है। एक दर्जन से अधिक गांवों में गजब के विहंगम नजारे हैं।

    By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 24 Dec 2024 08:25 PM (IST)
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    चकराता क्षेत्र के लोखंडी में बर्फबारी के बाद विहंगम नजारा। साभार ग्रामीण

    संवाद सूत्र, चकराता। सोमवार को देर रात तक हुई बर्फबारी से ऊंचाई वाली पहाड़ियां बर्फ से ढकी हुई है। एक दर्जन से अधिक गांवों में गजब के विहंगम नजारे हैं। प्रकृति ने क्रिसमस व नववर्ष के लिए मानों अनूठा तोहफा दिया हो। मंगलवार को पर्यटक उमड़े, लेकिन वर्षा के कारण चकराता में बर्फ पिघलने पर निराशा हाथ लगी।

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    चकराता से लोखंडी जाने वाले रास्ते पर मोटी परत जमी होने के कारण वाहन फंस रहे हैं। जिस कारण पर्यटक ज्यादा बर्फ प्रभावित इलाकों तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। चकराता में वर्षा से बर्फ पिघलने से पर्यटक व व्यापारियों की उम्मीद पर पानी फर गया। जबकि चकराता क्षेत्र के ऊंचाई वाले स्थानों पर छह इंच तक बर्फ जमी है। जिसका लोकल पर्यटकों ने काफी आनंद लिया।

    बाहरी राज्यों के पर्यटक लोखंडी लोहारी में कम ही पहुंच पाए। खराब मौसम व ठंड के चलते पर्यटकों की संख्या यहां पर कम है। जौनसार बावर के ऊंचे इलाको लोखंडी, कोटी कनासर, देववन, जाड़ी, इंद्रोली, चुरानी आदि स्थानों पर मंगलवार दोपहर में हल्की फुल्की बर्फबारी भी देखी गई।

    जिससे ठंड में और इजाफा हुआ। सर्दी से बचने के लिए हीटर, अलाव आदि का सहारा लेना पड़ा। लोग अपने घरों में कैद नजर आए और बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। पर्यटकों के लिए बर्फबारी भले ही मौज मस्ती का साधन हो, लेकिन पशुपालकों, वाहन चालकों व दैनिक श्रमिकों के लिए यह किसी आफत से कम नहीं है।

    बर्फबारी के दौरान पशु को चुगने की व्यवस्था नहीं बन पा रही है। सभी पशु अपने वाडे में बंद हैं, इसलिए पशुपालकों को चारा पत्ती लाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। 

    बिजली आपूर्ति भी रही ठप

    चकराता: बर्फबारी के चलते नवीन चकराता पुरोड़ी से लगे हुए एक दर्जन गांव में एक फेस में विद्युत आपूर्ति ठप रही। जिस कारण ग्रामीणों को परेशानियां उठानी पड़ी। बागवान गौरव चौहान, नरेंद्र चौहान, देवेंद्र चौहान, धनी राम, दलीप रावत, जालम सिंह रावत, मंजीत, धर्म सिंह आदि का मानना है कि हिमपात कृषि व बागवानी के लिए अमृत समान है।

    पर्यटन व्यवसाय से जुड़े अमित जोशी, हरचरण सिंह, दिगंबर सिंह चौहान, विक्रम पंवार, राजेंद्र चौहान, मुकेश तोमर, अनिल बिजलवान, विवेक अग्रवाल आदि का कहना है कि बर्फबारी होने से भले ही पर्यटक व्यवसाय को बल मिला हो, परन्तु उम्मीद जितना पर्यटक नहीं पहुंच पा रहा है।

    जबकि उम्मीद यह भी है कि यदि क्रिसमस पर चकराता में अच्छी बर्फबारी हो जाती है तो हजारों की संख्या में चकराता में बड़ा दिन और नए साल के जश्न के लिए हजारों पर्यटक पहुंचेंगे और बदले मौसम के मिजाज को देखते हुए लग रहा है कि रात में जबरदस्त बर्फबारी होगी। जिससे पूरे क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय को अच्छा लाभ मिलेगा।

    पेयजल लाइनें भी जम रही

    चकराता: बर्फबारी के बाद पेयजल लाइनें जमने से आपूर्ति प्रभावित हुई है। बर्फबारी के कारण पेयजल लाइन में पाला जमने के कारण समय पर पेयजल नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा कृषि कार्य भी बाधित हो रहे हैं और नव निर्माण व मरम्मत कार्य रुके हुए हैं। अपने निजी कार्य व सरकारी कार्य के लिए आने जाने के लिए भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।