...तो क्या उत्तराखंड में पानी हो गया महंगा! दो महीने का बिल आया 15 से 18 हजार; लोग परेशान
ऋषिकेश में स्मार्ट मीटर लगने के बाद पानी के बिलों में भारी वृद्धि से उपभोक्ता परेशान हैं। दो महीने का बिल 15 से 18 हजार तक आने से लोगों में रोष है। जल संस्थान का कहना है कि दो कनेक्शन होने से यह समस्या आ रही है जिसका समाधान किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। नगर निगम के अंतर्गत कई वार्डों में पेयजल स्मार्ट मीटर लगने के बाद पानी के बिलों में 30 से 35 गुना तक वृद्धि देखने को मिल रही है। हैरत की बात है कि दो से तीन सदस्य वाले कई परिवारों में दो महीने का पानी का बिल 15 से 18 हजार रुपये तक आया है। बेतहाशा वृद्धि देखकर उपभोक्ताओं की नींद उड़ी हुई है। लोगों ने स्मार्ट मीटर की शुल्क निर्धारण व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल, जल संस्थान की ओर से इंद्रानगर, बापू ग्राम, सुमन नगर, शिवाजी नगर, मीरा नगर, बीस बीघा समेत कई वार्डों में वर्ल्ड बैंक के अंतर्गत पेरी अर्बन योजना के तहत पेयजल योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत एक वर्ष पहले इन वार्डों में स्मार्ट मीटर लगाए गए थे। स्मार्ट मीटर लगने के बाद से अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल बिल कई गुना बढ़कर आने की शिकायतें आ रही है।
इंद्रानगर के पार्षद राजेंद्र सिंह बिष्ट, मालवीय नगर पार्षद राजेश कोठियाल, सुमन नगर पार्षद अनिल रावत, प्रगति विहार पार्षद सरोजनी थपलियाल समेत कई पार्षद जल संस्थान के अधिकारियों के समक्ष पानी के बढ़े बिलों को लेकर विरोध दर्ज करा चुके हैं। पार्षदों के दबाव में इंद्रानगर समेत कई क्षेत्रों में बढ़े बिलों को कम जरूर किया गया, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में यह समस्या बनी हुई है।
जल संस्थान की क्षेत्रीय जेई पिंकी चंद ने कहा कि कई वार्डों से पानी के बढ़े बिलों की समस्या मिली हैं। इसका समाधान किया जा रहा है। यदि किसी उपभोक्ता को ऐसा लगता है कि उसका खपत की तुलना में अधिक बिल आया है तो वे स्वयं विभागीय कार्यालय में शिकायत दे सकते हैं, उसका निस्तारण अवश्य किया जाएगा।
विभाग का दावा, जल्द दूर होगी समस्या
जल संस्थान के जेई पिंकी चंद ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद समस्या का कारण पता लगाने के लिए जांच कराई गई, जिसमें यह सामने आया है कि पानी के दो कनेक्शन (नया व पुराना) होने के कारण बिल में कई गुना वृद्धि हो रही है, क्योंकि पुरानी लाइन में छोड़ा गया पानी भी स्मार्ट मीटर में आटो रीड हो रहा है, जबकि उपभोक्ता पुरानी लाइन का पानी प्रयोग नहीं कर रहे हैं।
इसके समाधान के लिए विभाग ने अधिकांश पुराने कनेक्शन नये कनेक्शन से अलग कर दिए हैं, जिसके बाद बिलों में कमी भी देखने को मिल रही है। बापू ग्राम, मीरा नगर, बीस बीघा समेत कुछ क्षेत्रों में स्थानीय लोगों ने पुरानी लाइन को बंद नहीं करने का आग्रह किया था, जिसके कारण यहां पुराने कनेक्शन बंद करने में विलंब हो रहा है। यहां भी शीघ्र समस्या दूर की जाएगी।
पानी का शुल्क निर्धारण
विभाग के अनुसार, प्रत्येक कनेक्शन पर दो माह में 40 हजार लीटर तक पानी प्रयोग करने पर 449 रुपये का शुल्क निर्धारित है। लेकिन, 40 हजार लीटर की मात्रा पूरी करने के बाद उपभोक्ता को प्रति एक हजार लीटर का 15.40 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
केस 1: क्षेत्रीय पार्षद मुस्कान चौधरी ने बताया कि बापू ग्राम निवासी उपभोक्ता कृपाल सिंह व उमराव सिंह का दो माह का पानी का बिल 9020 रुपये आया है। जब विभागीय अधिकारी के समक्ष शिकायत की तो वो भी हैरत में पड़ गए। तब जाकर अधिकारी के निर्देश पर बढ़े बिल को कम कर 1470 रुपये लिया गया।
केस 2 : जल संस्थान में दर्ज शिकायत में बापू ग्राम निवासी उपभोक्ता महावीर सिंह एवं हरि सिंह ने कहा कि उनका दो माह का पानी का बिल 13692 रुपये आया है। यह कल्पना से परे है। इतना अधिक बिल देखकर अधिकारी व कर्मचारी भी चौंक गए। हालांकि, इसके बाद उनका बिल कम कर 1460 रुपये लिया गया।
केस 3: मीरा नगर निवासी उपभोक्ता राकेश सेठी एवं राजेंद्र सिंह सेठी को 14 जुलाई को दो माह का पानी का बिल दिया गया, जो 18425 रुपये का बिल है। इतना अधिक बिल देखकर सभी सदस्य परेशान हैं। इसकी शिकायत स्थानीय पार्षद से भी की गई है।
केस 4: मीरा नगर निवासी रेवत सिंह व भोपाल सिंह को बीती 14 जुलाई को दो माह का बिल मिला, जिसमें 17971 रुपये शुल्क दर्शाया गया है। जिससे उपभोक्ता परेशान हैं। उन्होंने विभाग से जल्द बिल दुरुस्त कराने की मांग की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।