अपने पैसों से बच्चों को दूध पहुंचाते हैं एसआइ धनराज, पढ़िए
कोतवाली के एसएसआई धनराज बिष्ट अपने पैसे से कई ऐसे गरीब घरों में दूध पहुंचा रहे हैं जहां छोटे बच्चे हैं। वह कैंट कोतवाली में कोरोना सेल के इंचार्ज भी हैं।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना से जंग लंबी जरूर हो सकती है, लेकिन जीत हमारी ही होनी है। यह कहना है कैंट कोतवाली के एसएसआई धनराज बिष्ट का। धनराज अपने पैसे से कई ऐसे गरीब घरों में दूध पहुंचा रहे हैं, जहां छोटे बच्चे हैं। वह कैंट कोतवाली में कोरोना सेल के इंचार्ज भी हैं।
उनके पास 29 सौ लोगों तक खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी है। वह कहते हैं कि लॉकडाउन की शुरुआत में ही ठान लिया था कि अपने क्षेत्र में किसी को दिक्कत नहीं होने देंगे। पता चला कि कई घर, जहां छोटे बच्चे हैं, वहां दूध नहीं पहुंच रहा है। उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब है। उन्हें अपने पैसे से दूध का पैकेट पहुंचाना शुरू किया।
सभी लोग मिलकर करें जरूरतमंदों की सेवा
कोरोना के इस दौर में काउंसलर और मनोवैज्ञानिक डॉ. मुकुल शर्मा काउंसलिंग करने के साथ विभिन्न जगहों पर जाकर जरूरतमंदों के लिए खाने का प्रबंध कर रहे हैं। किसी भी जरूरतमंद के फोन करने पर डॉ. मुकुल उसकी मदद के लिए तत्पर रहते हैं। लॉकडाउन में काउंसलिंग के लिए लोगों की संख्या बढ़ी है, वहीं उनके सामने जरूरतमंदों को खाना पहुंचाने की भी जिम्मेदारी है। उनके इस सेवाभाव से प्रभावित होकर छोटे भाई सहदेव शर्मा और बेटा भी हाथ बंटा रहे हैं। डॉ. मुकुल कोरोना योद्धा बनकर काउंसलिंग के साथ जरूरतमंदों का विशेष सहयोग कर रहे हैं।
सफाई से ही होगा कोरोना का सफाया
देहरादून रेलवे स्टेशन के सफाई कर्मी मोनू भी इन दिनों कोरोना के खिलाफ जंग में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। मोनू सुबह से ही स्टेशन के अंदर व बाहर साफ सफाई की बागड़ोर संभालते हैं। इसके बाद खाली पड़े ट्रेन रैकों को भी सेनिटाइज करते हैं। मोनू कांवली रोड स्थित शिवाजी मार्ग के रहने वाले हैं। रोजाना घर से निकलते समय उनके स्वजन चिंतित होते हैं कि कहीं कुछ हो न जाए। मगर मोनू पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। मोनू का कहना है कि साफ सफाई से ही कोरोना वायरस के संक्रमण का सफाया किया जा सकता है।
जाने कब दिन बीत रहा और कब रात
कोरोना के खिलाफ जंग में मेडिकल स्टाफ अग्रिम मोर्चे पर डटा है। इन्हीं में एक हैं, जिला सर्विलांस एवं नोडल अधिकारी डा. दिनेश चौहान। पिछले तकरीबन डेढ़ माह से वह लगातार एक्शन में हैं। नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी मिली तो उन्हें इस बात का अहसास था कि यह लड़ाई लंबी चलेगी। इसलिए पत्नी बच्चों को तभी गांव भेज दिया था। अब पूरा फोकस बस अपने काम पर है। वह सुबह जल्दी घर से निकलते हैं और देर रात पहुंचते हैं। अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करने के साथ ही वह घर का सारा काम भी खुद करते हैं।
राशन पहुंचाने में जुटे सेवायोजन व पर्यटन अधिकारी
सेवायोजन अधिकारी व जिला पर्यटन अधिकारी लॉकडाउन में अपने मूल काम से कहीं अधिक मूल्यवान काम कर रहे हैं। दोनों अधिकारी रात-दिन जरूरतमंदों को भोजन व राशन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इस योगदान को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने दोनों अधिकारियों को कोरोना वारियर ऑफ दि डे का खिताब दिया।
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सेवायोजन अधिकारी प्रवीन चंद्र गोस्वामी व जिला पर्यटन विकास अधिकारी जसपाल सिंह चौहान सुबह से ही इस काम में जुट जाते हैं। वह विभिन्न माध्यमों से प्रशासन को प्राप्त राशन व भोजन को जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा सिविल सोसाइटी की श्रेणी में यह खिताब महादेव एसोसिएट्स की तरफ से रितु सहगल को दिया गया। इस समय जब बड़ी संख्या में लोग भोजन के लिए भी मोहताज हो गए हैं, ऐसे समय में रितु सहगल एक कदम आगे बढ़कर योगदान कर रही हैं। वह प्रशासन को भोजन के पैकेट मुहैया करा रही हैं।
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