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मनीष कुमार ने 31 दिन में नाप दिए साढ़े चार हजार किमी, पढ़िए पूरी खबर

पीआरडी स्वयं सेवक चालक मनीष कुमार ने अकेले हल्द्वानी के बीच 4437 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर लिया। जिलाधिकारी ने उन्‍हें कोरोना वारियर के खिताब से नवाजा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 12:47 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 12:47 PM (IST)
मनीष कुमार ने 31 दिन में नाप दिए साढ़े चार हजार किमी, पढ़िए पूरी खबर
मनीष कुमार ने 31 दिन में नाप दिए साढ़े चार हजार किमी, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। कोरोना को हराना है। इसी जज्बे के साथ सरकारी मशीनरी के तमाम लोग बिना छुट्टी लिए रात-दिन सेवा में जुटे हैं। समाज की सेवा के ऐसे जज्बे से भरे हैं, पीआरडी स्वयं सेवक चालक मनीष कुमार। उन्हें जब से कोरोना जांच के सैंपल संबंधित लैब को भेजने और रिपोर्ट लाने की जिम्मेदारी सौंपी है, तब से उनका वाहन निरंतर फर्राटे भर रहा है और उनका हौसला आसमान छू रहा है।

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जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने इसी मेहनत को देखते हुए सोमवार को मनीष को कोरोना वारियर के खिताब से नवाजा। मनीष कुमार 25 मार्च से सैंपल ले जाने का काम कर रहे हैं। लंबे समय तक सैंपल देहरादून से करीब 270 किलोमीटर दूर हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज भेजे जाते रहे।

इस दौरान मनीष 17 बार हल्द्वानी का चक्कर लगा चुके हैं। इस दौरान उन्होंने अकेले हल्द्वानी के बीच 4437 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर लिया। सोमवार को भी ऋषिकेश स्थित एम्स में थे, जब उन्हें कोरोना वारियर के लिए नामित किया गया।

सिंचाई खंड के ईई व सीकर्स ट्रस्ट भी वारियर

दानदाता की श्रेणी में कोरोना वारियर ऑफ दि डे का खिताब अनुसंधान एवं नियोजन खंड (सिंचाई विभाग) के अधिशासी अभियंता बीएस पोखरियाल को दिया गया। इस खंड ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक लाख 86 हजार रुपये का योगदान किया। वहीं, सिविल सोसाइटी की श्रेणी में सीकर्स ट्रस्ट साधना केंद्र (विकासनगर) के संचालक चंद्र स्वामी को कोरोना वारियर का खिताब दिया गया। यह ट्रस्ट जरूरतमंदों के लिए प्रशासन को निरंतर राशन मुहैया करा रहा है।

 

जरूरतमंदों के लिए खाना तैयार करा रहे प्रोफेसर

दून विश्वविद्यालय के आसपास के इलाकों में गरीब व मजदूरों के लिए भोजन का प्रबंध करने वाले कोरोना योद्धाओं में दून विवि के डीन व प्रबंध विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एचसी पुरोहित भी शामिल हैं। प्रो. पुरोहित दून विवि की किचन में पिछले 20 दिनों से रोजाना सुबह नौ बजे पहुंच जाते हैं। अपने सामने खाना पकवाते हैं और फिर खाने के पैकेट तैयार कराते हैं। प्रो. पुरोहित विवि के किचन में खाना बनाते समय समुचित सफाई और शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखते हैं।

बच्चे मौसी के पास, डॉक्टर दंपती ड्यूटी पर

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दून मेडिकल अस्पताल के वरिष्ठ पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. अनुराग अग्रवाल 24 घंटे तत्पर रहते हैं। श्वास एवं छाती रोग विशेषज्ञ होने के नाते वह कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सीधे उनके संपर्क में रहते हैं। उनकी पत्‍नी डॉ. जौली अग्रवाल भी दून अस्पताल में एनाटॉमी विभाग में हैं। बच्चों के लिए समय न मिल पाने और कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए उन्होंने बच्चे मौसी के पास भेजे हुए हैं। उनके दो बच्चे हैं। बेटा 11वीं कक्षा में है और बेटी पांचवीं में है।

महीना हो गया परिवार से नहीं मिले एसआइ मुकेश

पटेलनगर के कारगी ग्रांट बंजारावाला में जब कोरोना का केस सामने आया तो बीट दारोगा के रूप में मुकेश की जिम्मेदारी बढ़ गई। इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया तो वह समझ गए कि चुनौती बड़ी है। इस जोन से थोड़ी दूरी पर उनका परिवार भी रहता है। मुकेश बताते हैं कि करीब एक महीना हो गया, वह परिवार से ठीक से नहीं मिल पाए हैं। कंटेनमेंन जोन घोषित होने के बाद हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री पहुंचाई गई। बस लोगों से एक ही अपील की गई कि वह घर से बाहर न निकलें।

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कोरोना के बाद ड्यूटी के प्रति बढ़ी निष्ठा

दून नगर निगम के सफाईकर्मी रमेश पासवान भी इन दिनों कोरोना के खिलाफ जंग में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। रमेश सुबह सात बजे से ही काम शुरू कर देते हैं। रमेश बिंदाल के पास छोटे से किराये के कमरे में पत्‍नी और तीन बच्चों के साथ रहते हैं। सुबह घर से निकलते वक्त पत्‍नी और बच्चों को उनकी चिंता सताती है। लेकिन रमेश अपनी जिम्मेदारियों का हवाला देकर हर दिन काम पर निकल रहे हैं। रमेश कहते हैं कि इस संकट की घड़ी में वह लोगों के काम आ रहे हैं, यह उनके लिए गर्व की बात है।

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