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    Sharadiya Navratri: हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा... दो चतुर्थी तिथि, उत्तराखंड घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 09:22 AM (IST)

    देहरादून में शारदीय नवरात्र की धूम शुरू हो गई है जो इस बार 10 दिनों तक मनेगा क्योंकि चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ रही है। मंदिरों को सजाया जा रहा है और बाजार में रौनक बढ़ गई है। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 609 से शुरू होगा। आचार्य के अनुसार माता का आगमन हाथी पर हो रहा है जो शुभ संकेत है। भक्तगण मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में लीन रहेंगे।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतकि तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा के साथ सोमवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं। इस बार नवरात्र 10 दिनों के होंगे। क्योंकि चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ रही है। 30 सितंबर को अष्टमी जबकि एक अक्टूबर को नवमी पूजन होगा। एक घंटा 56 मिनट घटस्थापना का मुहूर्त रहेगा जो सुबह छह बजकर नौ मिनट से शुरू हो जाएगा।

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    इसके लिए मंदिरों को सजाने से लेकर जागरण व भजन संध्या के लिए मंदिर समितियों ने तैयारी पूरी कर दी है। वहीं बाजार में पूजा की दुकानें भी पूरी तरह सज चुकी हैं। आज लोग काफी संख्या में खरीदारी को उमड़ेंगे।

    चतुर्थी तिथि दो दिन पड़े के कारण इस बार 10 दिनों के होंगे नवरात्र

    अश्विन मास के शुल्क पक्ष की प्रतिपदा के साथ नवरात्र शुरू होते हैं। इस दौरान व्रत रख पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। आचार्य डा. सुशांत राज ने बताया कि नवरात्र का व्रत करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है। इस बार माता का आगमन हाथी पर हो रहा है और माता का प्रस्थान मनुष्य के कंधों पर हो रहा है जोकि एक शुभ संकेत है।

    घटस्थापना का ये है शुभ मुहूर्त

    घटस्थापना का शुभ मूहूर्त सुबह छह बजकर नौ मिनट से लेकर आठ बजकर छह मिनट तक होगा। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के मध्य भी घटस्थापना कर सकते हैं। इस बार 10 दिनों तक नवरात्र होंगे। नवरात्र के दिनों का अंतर मुख्य रूप से हिंदू पंचांग के आधारित है। पंचांग की तिथि की गणना सूर्योदय व सूर्यास्त के आधार पर की जाती है। कभी-कभी एक ही दिन में दो तिथियां पड़ जाती है तो कई बार तिथि पूरे दिन नहीं रहती।

    वहीं, बाजार में रौनक बढ़नी शुरू हो चुकी है। दुकानों में पूजा सामान सजना शुरू हो गया है। शनिवार को भी सहारनपुर चौक, हनुमान चौक के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में माता की मूर्तियों के अलावा कलश, हवन पात्र, रोली मोली, चुनरी के साथ पूजा सामान सजाया गया।

    कलश स्थापना विधि

    • उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता विपिन डोभाल के अनुसार, सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहनें।
    • मंदिर की साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़कें।
    • इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें।
    • मिट्टी के एक पात्र में जौ बो दें।
    • साथ ही इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें।
    • कलश में चारों ओर आम, अशोक के पत्ते लगाएं व स्वास्तिक बनाएं। फिर इसमें साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें।
    • एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें, इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए मां जगदंबे का आह्वान करें। फिर दीप जलाकर कलश की पूजा करें।

    नौ दिन इस तरह होगी मां दुर्गा की पूजापहला दिन 22 सितंबर, प्रतिपदा, शैलपुत्री

    • दूसरा दिन 23 सितंबर, द्वितीया, ब्रह्मचारिणी
    • तीसरा दिन 24 सितंबर, तृतीया, चंद्रघंटा
    • चौथा दिन 25 सितंबर, तृतीया, चंद्रघंटा (तिथि की वृद्धि के कारण)
    • पांचवा दिन 26 सितंबर, चतुर्थी, कूष्मांडा
    • छठा दिन 27 सितंबर, पंचमी, स्कंदमाता
    • सातवां दिन 28 सितंबर, षष्ठी, कात्यायनी
    • आठवां दिन 29 सितंबर, सप्तमी, कालरात्रि
    • नौवां दिन 30 सितंबर, महाअष्टमी, महागौरी
    • दसवां दिन 01 अक्टूबर, महानवमी, सिद्धिदात्री

    लाइटों व फूलों से सजने लगे मंदिर

    नवरात्र को लेकर शहर के विभिन्न मंदिरों को लाइटों व फूलों से सजाया जा रहा है। सिद्धपीठ मां डाटकाली मंदिर, भवन श्री कालिका माता मंदिर अंसारी मार्ग, श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सहारनपुर चौक, माता वैष्णों देवी गुफा योग मंदिर गढ़ी कैंट, दुर्गा मंदिर सर्वे चौक, श्याम सुंदर मंदिर पटेलनगर, श्री सनातन धर्म मंदिर नेहरू कालोनी, श्री सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर समेत विभिन्न मंदिरों में तैयारी चल रही है।