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कैबिनेट ने किया साफ, सीनियर सिटीजन व छात्राओं से नहीं लिया जाएगा नकद किराया

कैबिनेट ने साफ किया है कि सीनियर सिटीजन व छात्राओं से नकद किराया नहीं लिया जाएगा। कैबिनेट ने विभाग को इसके लिए अलग योजना बनाने को कहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 01:37 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 01:37 PM (IST)
कैबिनेट ने किया साफ, सीनियर सिटीजन व छात्राओं से नहीं लिया जाएगा नकद किराया
कैबिनेट ने किया साफ, सीनियर सिटीजन व छात्राओं से नहीं लिया जाएगा नकद किराया

देहरादून, राज्य ब्यूरो। परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने वालों के लिए डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर) योजना की शुरुआत वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन) से करना कैबिनेट को रास नहीं आया। कैबिनेट ने साफ किया है कि सीनियर सिटीजन व छात्राओं से नकद किराया नहीं लिया जाएगा। कैबिनेट ने विभाग को इसके लिए अलग योजना बनाने को कहा है। 

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परिवहन निगम में इस समय विभिन्न योजनाओं के तहत मुफ्त यात्रा का प्रावधान है। इसके तहत विधायकों, मान्यता प्राप्त पत्रकारों, स्कूली छात्राओं, वरिष्ठ नागरिक इत्यादि निगम की बसों में बिना किराया दिए यात्रा करते हैं। निगम को इसका भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। परिवहन निगम ने अपनी कमजोर माली हालात का हवाला देते हुए डीबीटी योजना शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया। इसमें यह कहा गया कि जिन्हें भी मुफ्त यात्रा का लाभ दिया जा रहा है, पहले उनसे किराया लिया जाए और बाद में किराये का यह पैसा उनके एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाए। 

इस योजना का सबसे अधिक इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिक करते हैं और प्रदेश में इनकी संख्या तकरीबन 17 लाख है। ऐसे में इस योजना को वरिष्ठ नागरिकों से करना प्रस्तावित किया गया। प्रस्ताव में यह कहा गया कि बजुर्गों को एक कार्ड दिया जाए, जिसे स्वैप कर वह नगद किराया देंगे। यह पैसा बाद में उनके खातों में आ जाएगा। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट एक राय कायम नहीं हुई। कैबिनेट ने कहा कि इससे बुजुर्गों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बजुर्गों व छात्राओं के लिए कोई ऐसी योजना बनाई जाए जिसमें नकद टिकट लेने का प्रावधान न हो।

आयुर्वेदिक अस्पतालों में ओपीडी व भर्ती शुल्क बढ़ेगा

प्रदेश के आयुर्वेदिक अस्पतालों में ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) व भर्ती शुल्क बढ़ाने की तैयारी है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ओपीडी शुल्क एक रुपये से पांच रुपये और शहरी क्षेत्रों में दो रुपये से बढ़ाकर दस रुपये किया जाना प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा प्रदेश के 36 अस्पतालों में वेलनेस सेंटर खोलकर यहां मालिश व पंचकर्म प्रक्रिया शुरू किया जाना प्रस्तावित किया गया है। इसके लिए 50 से 150 रुपये तक शुल्क लिया जाएगा। 

प्रदेश में इस समय आयुर्वेद के  200 से अधिक अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में ओपीडी व भर्ती शुल्क अपेक्षाकृत कम है। अब अस्पतालों व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की तैयारी चल रही है। इस कड़ी में इनके शुल्क में बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है। बुधवार को आयुष मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में शुल्क बढ़ोतरी पर सहमति बनी। इसके तहत नगरीय क्षेत्रों के आयुर्वेदिक अस्पतालों में ओपीडी शुल्क को दो रुपये से बढ़ाकर दस रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में यह शुल्क एक रुपये से बढ़ाकर पांच रुपये करने पर सहमति बनी। इसी तरह शहरी अस्पतालों में भर्ती शुल्क को 10 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये और ग्रामीण इलाकों में पांच रुपये से बढ़ाकर दस रुपये करने पर सहमति बनी। 

इस दौरान प्रदेश के 36 आयुर्वेदिक अस्पतालों में वेलनेस सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया। यहां आयुर्वेद की प्रचलित पद्धति के तहत मालिश व पंचकर्म की सुविधा जाएगी। मालिश के लिए शुल्क 50 रुपये और पंचकर्म के लिए शुल्क 150 रुपये रखा जाएगा। आयुष मंत्री ने इन दरों को बढ़ाने के लिए उचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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