Move to Jagran APP

चीन सीमा से सटे गांवों में स्वरोजगार की मुहिम, अब आर्थिकी होगी मजबूत

उत्तराखंड के गोविंद और अस्कोट अभयारण्यों के गांवों के लोगों को सिक्योर हिमालय परियोजना सशक्त बनाएगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 04:51 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 08:47 PM (IST)
चीन सीमा से सटे गांवों में स्वरोजगार की मुहिम, अब आर्थिकी होगी मजबूत
चीन सीमा से सटे गांवों में स्वरोजगार की मुहिम, अब आर्थिकी होगी मजबूत

देहरादून, राज्य ब्यूरो। चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के गोविंद और अस्कोट अभयारण्यों के गांवों के लोगों को सिक्योर हिमालय परियोजना सशक्त बनाएगी। इन गांवों के निवासियों को आजीविका विकास के मद्देनजर दिए जाने वाले स्वरोजगारपरक प्रशिक्षण का खाका तैयार कर लिया गया है। इससे जहां स्थानीय समुदाय की वनों पर निर्भरता कम होगी, वहीं गांवों की आर्थिकी भी मजबूत होगी। 

loksabha election banner

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद और अस्कोट वन्यजीव विहार उन संरक्षित क्षेत्रों में शामिल हैं, जहां संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से सिक्योर हिमालय परियोजना चल रही है। इसमें उच्च हिमालयी क्षेत्र में जैवविविधता के संरक्षण के साथ ही स्थानीय समुदाय के के लिए आजीविका विकास पर भी फोकस किया गया है। इससे गोविंद वन्यजीव विभाग के अंतर्गत आने वाले 43 और अस्कोट अभयारण्य के 17 गांवों के लोगों को उम्मीद जगी है। गंगोत्री नेशनल पार्क में कोई गांव नहीं है। 

अब दोनों अभयारण्यों में स्थित गांवों में आजीविका विकास के लिए खाका खींच लिया गया है। राज्य में सिक्योर हिमालय परियोजना के नोडल अधिकारी आरके मिश्र के अनुसार स्थानीय समुदाय की आजीविका पर ध्यान केंद्रित करने से जहां लोगों की वनों पर निर्भरता कम होगी, वहीं वे इस उच्च हिमालयी क्षेत्र की जैव विविधता के संरक्षण में सक्रिय भागीदारी कर सकेंगे। 

यह भी पढ़ें: आइ एम ए विलेज योजना में सभी 95 ब्लॉकों में एक-एक गांव बनना है मॉडल

मिश्र ने बताया कि गोविंद और अस्कोट अभयारण्यों के गांवों के निवासियों को प्रथम चरण में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, हॉस्पिटेलिटी से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए लोग चिह्नित भी कर लिए गए हैं, जिन्हें दो माह की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे ये मास्टर ट्रेनर हो जाएंगे और फिर अन्य लोगों को भी प्रशिक्षण देंगे। इस मुहिम से स्थानीय समुदाय के लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे उनकी आर्थिकी भी सशक्त होगी। उन्होंने बताया कि अगले चरण में ग्रामीणों से सलाह मशविरा कर अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में माकूल हिमपात से पर्यटन को मिलेगी सौगात, चांगथांग हिमखंड बना आकर्षण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.