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    सीएम धामी से वार्ता के बाद सचिवालय संघ ने तीन दिन के लिए आंदोलन किया स्थगित

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 30 Sep 2021 01:10 PM (IST)

    मांगों को लेकर आंदोलनरत सचिवालय संघ ने आंदोलन तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया है।बुधवार को सचिवालय संघ कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें सभी पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री से हुई वार्ता और इसमें दिए गए आश्वासन के संबंध में अवगत कराया गया।

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    आंदोलनरत सचिवालय संघ ने आंदोलन तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया है।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून: गोल्डन कार्य योजना में बदलाव व शिथिलीकरण नियमावली को लागू करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत सचिवालय संघ ने आंदोलन तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया है। मंगलवार शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हुई वार्ता के क्रम में संघ ने यह कदम उठाया है।

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    बुधवार को सचिवालय संघ कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें सभी पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री से हुई वार्ता और इसमें दिए गए आश्वासन के संबंध में अवगत कराया गया। इसके बाद सर्वसम्मति से इस बैठक का कार्यवृत्त जारी होने, यानी एक अक्टूबर तक आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि बैठक के कार्यवृत्त में यदि कोई पेंच फंसा गया या संघ को विश्वास में न लेकर मांगों को लंबित रखने का प्रयास किया गया तो चार अक्टूबर से फिर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत सचिवालय कर्मी दो घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे। बैठक में संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी, महासचिव विमल जोशी, उपाध्यक्ष सुनील कुमार लखेड़ा संयुक्त सचिव अनिल कुमार व चंदन सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष बची सिंह व प्रचार सचिव राकेश महर उपस्थिति थे। 

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    महालेखाकार कार्यालय की पत्रिका का विमोचन

    प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) कार्यालय की ओर से हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में प्रधान महालेखाकार संदीप सिंह ने कार्यालय की गृह पत्रिका हिमज्योति का विमोचन किया। उन्होंने कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने में सक्षम है। लिहाजा, दैनिक कार्यों में हिंदी का अधिक प्रयोग जरूरी है। वहीं, कार्यक्रम में पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई और ङ्क्षहदी टंकण, अनुवाद, कहानी लेखन, नारा लेखन आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ उपमहालेखाकार (प्रशासन) डा. काव्य दीप जोशी, उपमहालेखाकार (निधि) तुषार केन आदि उपस्थित रहे।

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