अब कैमरे की निगरानी में सफर करेंगे बच्चे, खतरे के लिए होगा पैनिक बटन
देहरादून में बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग सक्रिय हो गया है। अब स्कूली वाहनों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन अनिवार्य होंगे। विभाग ने स्कूलों में सेफ्टी ऑडिट शुरू कर दिया है और 27 बिंदुओं का परफॉर्मा तैयार किया है। मुख्यमंत्री ने वाहनों में जीपीएस और कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस स्कूल बस चालकों का सत्यापन करेगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

स्कूल वैन में आगे नहीं बैठा सकते छात्रा
80 प्रतिशत वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को ताक पर
स्कूली वाहनों के सेफ्टी आडिट के प्रमुख बिंदु
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वाहन में सीसीटीवी कैमरा व व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) अनिवार्य। -
वीएलटीडी का एक्सेस सभी अभिभावकों को देना अनिवार्य, ताकि वह लोकेशन देख सकें। -
वाहन में पैनिक बटन व अलार्म बेल लगी होना अनिवार्य। -
वाहन पीला होना चाहिए और दोनों ओर स्कूल का नाम अंकित होना चाहिए। -
फ्रंट और बैक साइड में स्कूल बस या आन स्कूल डयूटी लिखा होना अनिवार्य। -
चालक का ग्रे शर्ट या खाकी वर्दी पहनना अनिवार्य। नाम पट्टिका भी होनी चाहिए। -
चालक का नाम, पता, लाइसेंस नंबर व बैज नंबर वाहन के अंदर व बाहर लिखा होना अनिवार्य। -
पुलिस हेल्पलाइन नंबर-112 व 110 और परिवहन विभाग का हेल्पलाइन नंबर 0135-2608107 वाहन के अंदर व बाहर लिखना अनिवार्य। -
वाहन की खिड़की में सुरक्षा राड, दरवाजों में लाक व आपातकालीन दरवाजा होना अनिवार्य। -
वाहन में स्पीड गवर्नर लगा होना अनिवार्य, जिसमें अधिकतम गति 40 किमी प्रतिघंटा होनी चाहिए। -
वाहन में पांच-पांच किलो के आइएसआइ मार्क के दो अग्नीशमन यंत्र होने चाहिए। -
स्कूल बैग रखने की समुचित व्यवस्था व फर्स्ट एड बाक्स होना अनिवार्य।
बस चालक-परिचालकों के लिए गाइड-लाइन
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स्कूल बस चालक को न्यूनतम पांच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना जरूरी। -
अगर चालक का परिवहन नियम तोड़ने पर पूर्व में दो बार चालान हुआ है तो स्कूल बस चलाने के लिए अयोग्य। -
यदि चालक का एक बार ओवरस्पीड, खतरनाक ढंग या फिर शराब पीकर वाहन चलाने में चालान हुआ है तो ऐसा चालक प्रतिबंधित रहेगा। -
बिना योग्य परिचालक के कोई स्कूल बस का संचालन नहीं करेगा। -
परिचालक की योग्यता केंद्रीय मोटरयान नियमावली के अनुसार होनी अनिवार्य। -
जिन वाहन का उपयोग छात्राओं को ले जाने में होता है, उसमें महिला सहायक का होना अनिवार्य। -
निर्धारित संख्या से अधिक छात्र बैठाना प्रतिबंधित। -
चालक को बच्चों के नाम, पते, ब्लड ग्रुप, रूट प्लान व रुकने के प्वाइंट की पूरी जानकारी होना अनिवार्य। -
वाहन में सभी बच्चों के अभिभावक का नाम-पता व मोबाइल नंबर की सूची रखनी होगी। -
स्कूली वाहन में जाने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावक, चालक व वाहन स्वामी का एक व्हाटएप ग्रुप बनाना अनिवार्य, जिसमें आवश्यक सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके।
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने वाहनों में सीसीटीवी कैमरा, वीएलटीडी व पैनिक बटन अनिवार्य कर दिया है। अब परिवहन विभाग स्कूलों में जाकर प्रत्येक स्कूली वाहन की जांच करेगा। इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिन वाहनों में कमी होगी, उनकी फिटनेस तमाम नियमों को पूरा करने के बाद ही जारी होगी। - संदीप सैनी, आरटीओ (प्रशासन)
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