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    मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना, हर साल 10 करोड़ खर्च कर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निखरेंगे स्कूली छात्र

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 02:14 PM (IST)

    उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना के तहत हर साल 10 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जिससे 10 हजार छात्रों को पेशेवर बनने के लिए तैयार कि ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना का ऐसे आएगा विस्तृत रूप सामने। प्रतीकात्‍मक

    अशोक केडियाल, देहरादून। प्रति वर्ष दस करोड़ व्यय कर प्रदेश सरकार कम से कम दस हजार स्कूली छात्रों को पेशेवर बनने के लिए न केवल जमीन तैयार कर रही है। विद्यार्थियों को घर बैठे आधुनिक प्रौद्योगिकी की सहायता से स्तरीय शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी। 11वीं एवं 12वीं के मेधावी छात्रों पर एक वर्ष की आनलाइन कोचिंग पर प्रति छात्र दस हजार रुपये व्यय करने का निर्णय लिया है।

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    मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना के तहत छात्रों को आनलाइन शिक्षण सामग्री साफ्ट कापी में उपलब्ध कराई जाएगी और यूजर आइडी एवं पासवर्ड प्रदान किए जाएंगे। शिक्षकों को रियल टाइम ट्रैकिंग के लिए डैशबोर्ड मिलेगा। हर सप्ताह माक टेस्ट और कमजोर छात्रों के लिए सुधारात्मक शिक्षा का प्रबंध होगा। प्रत्येक विषय के बाद जांच सेशन आयोजित किया जाएगा।

    आनलाइन स्क्रीनिंग परीक्षा आयोजित होगी
    प्रस्तावित योजना के संचालन की रूपरेखा भी तय कर ली गई है। इसके तहत छात्रों को कोचिंग सुविधा देने के लिए आनलाइन स्क्रीनिंग परीक्षा आयोजित होगी, जिसमें कक्षा 10 उत्तीर्ण, कक्षा 10 में अध्ययनरत एवं कक्षा 11 के छात्र भाग ले सकेंगे। चयनित छात्रों की सूची जनपदवार तैयार की जाएगी।

    कोचिंग संस्थान का चयन भी होगा पारदर्शी
    कोचिंग सुविधा राष्ट्रीय स्तर के अनुभवी संस्थानों के माध्यम से प्रदान की जाएगी, जिनका चयन पारदर्शी प्रक्रिया से होगा। आनलाइन माध्यम से प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों के शिक्षक पाठ पढ़ाएंगे और अध्ययन सामग्री, वीडियो लेक्चर तथा प्रैक्टिस पेपर उपलब्ध कराएंगे।

    छात्रों के दिए जाएंगे यह तीन विकल्प
    डिजिटल उपकरणों के लिए छात्रों के पास तीन विकल्प होंगे, पहला वह अपना स्वयं का उपकरण उपयोग कर सकेंगे, दूसरा विद्यालय की आइटी लैब का उपयोग किया जा सकेगा, तीसरा उपलब्धता के आधार पर विद्यालय उपकरण उधार देगा।

    काेचिंग लेने वाले छात्रों को ऐसे मिलेगा लाभ

    • ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्रों के संसाधनविहीन और वंचित वर्ग के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा
    • राजकीय विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता और परिणाम में काेचिंग से सुधार होगा
    • राज्य की शिक्षा स्तर में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित होगा
    • राज्य के युवाओं को प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में अध्ययन के माध्यम से भविष्य बनाने में सहायता मिलेगी
    • छात्रों को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रतिस्पर्धा के माध्यम से प्रवेश के लिए बनाया जाएगा सक्षम

    जो छात्र नियमित उपस्थिति नहीं देंगे या जिनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहेगा, उन्हें योजना से बाहर किया जा सकेगा और उनकी जगह अन्य योग्य छात्रों को अवसर मिलेगा। यह योजना राज्य के हजारों छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की दिशा में महत्वपूर्ण मंच साबित होगी। - डा. मुकुल कुमार सती, निदेशक माध्यमिक शिक्षा