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    तो क्या विंटर और समर वेकेशन की तरह मानसून में भी पड़ेंगी छुट्टियां? आपदा के मद्देनजर उत्तराखंड में बन रहा प्लान

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 01:05 PM (IST)

    उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई जिलों के स्कूलों में पढ़ाई बाधित हुई है। शिक्षा विभाग पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं और ऑनलाइन शिक्षण जैसे विकल्प तलाश रहा है। निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं लेकिन सरकारी स्कूलों में औपचारिक व्यवस्था नहीं है। शिक्षा विभाग मानसून में अलग से छुट्टियां तय करने पर विचार कर रहा है।

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    आपदाग्रस्त क्षेत्रों में विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए बन रही वैकल्पिक योजना. Concept Photo

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। पिछले दो महीने से प्राकृतिक आपदाओं के कारण उत्तरकाशी के धराली, चमोली के थराली व नंदानगर, देहरादून के रायपुर व डोईवाला विकासखंडों, बागेश्वर तथा रुद्रप्रयाग के जखोली समेत आठ जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में पढ़ाई प्रभावित हुई है।

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    इन क्षेत्रों के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में कई दिनों तक अवकाश घोषित करना पड़ा। शिक्षण कार्य नहीं होने की भरपाई के लिए शिक्षा विभाग वैकल्पिक योजना तैयार कर रहा है। प्रभावित विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जाएंगी, साथ ही अध्ययन समय को बढ़ाया जाएगा। आनलाइन माध्यम से पढ़ाने के विकल्प को आजमाया जाएगा ताकि निर्धारित पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो सके।

    शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति पर असर न पड़े, इसके लिए अध्यापकों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं। निजी स्कूल अपनी ओर से आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई की भरपाई की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वहां भी पूरा पाठ्यक्रम पूरा कराना चुनौती बना हुआ है।

    क्षतिग्रस्त विद्यालयों का आंकड़ा 1409

    दूसरी ओर, सरकारी स्कूलों में विभागीय स्तर पर आनलाइन शिक्षा की कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं है। विशेषकर प्राथमिक कक्षाओंं में कोई व्यवस्था नहीं है। केवल कुछ शिक्षक अपनी निजी पहल से छात्रों की मदद कर रहे हैं।

    राज्य के शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार वर्षभर में 240 कार्य दिवस तय हैं। इनमें रविवार और सार्वजनिक अवकाश 77 एवं ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश मिलाकर 48 दिन होते हैं। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी और प्रधानाध्यापक तीन-तीन दिन का अवकाश घोषित कर सकते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में मौसम अलर्ट और प्राकृतिक आपदाओं के चलते अतिरिक्त छुट्टियां लगातार शैक्षणिक सत्र को प्रभावित कर रही हैं।

    इस वर्षाकाल में अभी तक आठ जिलों उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर, देहरादून, नैनीताल व पिथौरागढ़ में 1211 विद्यालय क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिनमें से कुछ विद्यालयों में पठन-पाठन की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। लेकिन, अधिकतर प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है। पूरे प्रदेशभर में क्षतिग्रस्त विद्यालयों का आंकड़ा 1409 है।

    इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग भविष्य में मानसून सीजन में अलग से 10 दिन की छुट्टी तय करने पर विचार कर रहा है। इसकी पूर्ति के लिए गर्मी और सर्दी की छुट्टियों में कटौती की जा सकती है।

    ‘इस विषय पर विचार चल रहा है। हम बरसात के लिए अलग से छुट्टियों की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है। अभी जो छुट्टियां मौसम की वजह से करनी पड़ी हैं, उसकी भरपाई की भी व्यवस्था की जा रही है, ताकि छात्रों को नुकसान न हो।’ - डा धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री