छात्रवृत्ति घोटाला: एसआइटी ने गिरोह की तलाश की तेज, पढ़िए पूरी खबर
करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर घोटाला करने वाले गिरोह की तलाश में जुट गई है।
By Edited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 03:51 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। करोड़ों की छात्रवृत्ति घोटाला मामले में एसआइटी शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर खेल करने वाले गिरोह की तलाश में जुट गई है। एसआइटी को पूरा अंदेशा है कि फर्जी छात्र-छात्राओं व संस्थानों के नाम पर यह खेल किसी गिरोह के माध्यम से अंजाम दिया गया है। ऐसे में एसआइटी संचालकों से मिले इनपुट पर सफेदपोशों की भूमिका को भी जांच में शामिल कर रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2012 से 2017 के बीच दशमोत्तर छात्रवृत्ति आवंटन में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच एसआइटी से कराने के निर्देश दिए। पिछले एक साल से चल रही जांच में बड़े घपले सामने आए हैं। अभी हरिद्वार के सिर्फ छह शिक्षण संस्थानों में करीब 50 करोड़ का घपला पकड़ा गया है। जबकि जांच अभी आधी भी पूरी नहीं हुई है। अकेले हरिद्वार के कई कॉलेज और विश्वविद्यालय की जांच में यह रकम 100 करोड़ पार जाने की उम्मीद हैं।
इसी तरह देहरादून के 26 कॉलेज भी जांच के दायरे में हैं। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि कॉलेजों के खिलाफ जांच जारी रखने के साथ-साथ पूरे खेल में साजिश रचने वाले गिरोह की भी तलाश की जाए। ताकि यह जानकारी स्पष्ट हो जाए कि शासन, प्रशासन और विभाग के बीच कौन ऐसे लोग थे, जिन्होंने मनमाफिक तरीके से करोड़ों की छात्रवृत्ति बांट दी। खासकर समाज कल्याण विभाग, वित्त विभाग, जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। एसआइटी भी इन विभागों की जिम्मेदारी को जांच में शामिल कर रही है।
इसके लिए तत्कालीन अधिकारियों से लेकर नेताओं की भूमिका को भी जांचा जा रहा है। बड़े नेताओं के साथ भ्रष्टाचारियों की फोटो अभी तक रुड़की क्षेत्र के जो कॉलेज छात्रवृत्ति घोटाले में फंसे हैं, उनके संचालकों की फोटो प्रदेश के बड़े नेताओं के साथ हैं। अपनी कॉलेज की वेबसाइट से लेकर सोशल मीडिया में इन लोगों ने बड़े नेताओं के हाथों बड़े सम्मान लिए हैं। इनमें से पांच जेल जा चुके हैं। इनकी फेसबुक, व्हाट्सएप और दूसरी सोशल साइट पर नेताओं के साथ कई फोटो मिली हैं।
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