छात्रवृत्ति घोटाला: एसआइटी का दबाव, अधिकारियों में बढ़ा तनाव
एसआइटी की सख्ती के बाद अब छात्रवृत्ति घोटाले में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं।
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाला मामले में एसआइटी की सख्ती के बाद समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। देहरादून व हरिद्वार जिले में जो विभागीय अधिकारी एसआइटी को दस्तावेज मुहैया कराने में आनाकानी कर रहे थे, अब वो रात नौ से दस बजे तक कार्यालय में बैठकर कर्मचारियों के साथ दस्तावेज खंगालने में जुटे हुए हैं।
एसआइटी की ओर से दस्तावेज मुहैया कराने को दिए सात दिन की मोहलत के बाद भी दस्तावेज तैयार नहीं हो पाए। अब एसआइटी विभाग को रिमाइंडर भेजने के मूड में है। एसआइटी की ओर से देहरादून व हरिद्वार के समाज कल्याण विभाग को एक सप्ताह के भीतर 2011 से 17 तक की छात्रवृत्ति संबंधित समस्त दस्तावेज मांगे गए हैं। लेकिन, कार्यालय में कागजी ढेर के बीच छात्रवृत्ति के दस्तावेज खोजने में विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं।
देहरादून व हरिद्वार में विभाग में देर रात तक कर्मचारी दस्तावेज तैयार करने में लगे हैं। हालांकि, विभाग ने 2014 के बाद के दस्तावेज तो तैयार कर दिए, लेकिन इससे पहले का ब्योरा जुटाने में दिक्कतें आ रही हैं। क्योंकि इस समयावधि में छात्रवृत्ति आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन होती थी।
इस संबंध में जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर (देहरादून) से संपर्क नहीं हो पाया। वहीं, विभाग की ओर से निर्धारित समयावधि पर दस्तावेज उपलब्ध न कराए जाने से एसआइटी के अधिकारी नाराज हैं। सूत्रों ने कहा कि एसआइटी जल्द विभाग को रिमाइंडर भी भेज सकती है और यदि जल्द दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए तो आगे कोई कार्रवाई की भी उम्मीद है।
तनाव में हैं अधिकारी-कर्मचारी
छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में आई तेजी के बाद से विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तनाव में हैं। अधिकारी हो या कर्मचारी, कोई भी एक शब्द कहने को तैयार नहीं है। विभाग का कहना है कि छात्रवृत्ति में अनियमितताओं के आरोप गलत हैं।
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