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समाज कल्याण के बजट में धांधली, मौत के बाद भी बांटी गई वृद्धावस्था पेंशन

समाज के सबसे कमजोर व वंचित वर्गो अनुसूचित जाति-जनजाति और निराश्रितों वृद्धों दिव्यांगों के उत्थान से जुड़ा महकमा समाज कल्याण घपलों-घोटालों का महकमा बन गया है।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 12:18 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 12:18 PM (IST)
समाज कल्याण के बजट में धांधली, मौत के बाद भी बांटी गई वृद्धावस्था पेंशन

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। समाज के सबसे कमजोर व वंचित वर्गो अनुसूचित जाति-जनजाति और निराश्रितों, वृद्धों, दिव्यांगों के उत्थान से जुड़ा महकमा समाज कल्याण घपलों-घोटालों का महकमा बन गया है। छात्रवृत्ति घोटाले की एसआइटी जांच से जूझ रहे महकमे के जिम्मेदार अधिकारियों ने अब फिर ऊधमसिंह नगर और देहरादून जिलों में बेबसों-मजबूरों के बजट को मनमाने ढंग से ठिकाने लगाने में कसर नहीं छोड़ी है। 

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वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों को मृत्यु के बाद भी 3.61 लाख का भुगतान जारी रखा गया तो कल्याण शिविरों के लिए धनराशि रख तो ली, लेकिन खर्च नहीं की। इसीतरह अटल आवास योजना की 3.50 लाख रुपये की राशि पात्रों के बजाय अनियमित तरीके से बैंक खातों में बंधक रखी गई। चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रोक्योरमेंट नियमों को ताक पर रखकर लाखों की गड़बड़ी की गई। समाज कल्याण महकमे में करोड़ों रुपये की इस वित्तीय अनियमितता का खुलासा वर्ष 2017-18 की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। उधमसिंह नगर और देहरादून जिले में इस गड़बड़ी से महकमे में हड़कंप है। 

गौरतलब है कि इससे पहले भी ऑडिट रिपोर्ट में कई जिलों में समाज कल्याण अधिकारियों पर शिकंजा कसा जा चुका है। समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाले की एसआइटी जांच जारी है। ऐसे में ऑडिट रिपोर्ट में फिर धांधली सामने आने से महकमे की मुश्किलें बढ़ना तय है। 

ऑडिट में सरकारी धन की क्षति, अनियमित भुगतान, शासन की बगैर अनुमति के बड़ी धनराशि के खर्च, ठेकेदारों को भुगतान के मामले पकड़ में आने के बाद दोषियों पर कार्यवाही को वित्त सचिव अमित नेगी ने समाज कल्याण सचिव को रिपोर्ट भेज दी है। 

ऊधमसिंह नगर जिला: लाखों की गड़बड़ी जिला समाज कल्याण अधिकारी ने दिव्यांग कल्याण योजना में बगैर टेंडर कोटेशन के 5.35 लाख की राशि से कृत्रिम अंगों के रूप में ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, कान की मशीन, बैशाखी आदि मैसर्स हरीओम साइकिल मार्ट आगरा से खरीदीं। इसमें प्रोक्योरमेंट नियमों की अनदेखी की गई। अटल आवास योजना के तहत 3,52,500 रुपये पात्र लाभार्थियों के खाते में नहीं डालकर विभागीय बैंक खाते में रखा गया। 

वृद्धावस्था पेंशन की 3.60 लाख की राशि पात्रों की मृत्यु के बाद भी भुगतान की गई। 78.01 लाख की राशि अनावश्यक तरीके से बैंक खाते में जमा रखी गई। इसीतरह वृद्धजनों के कल्याण शिविरों के लिए चार लाख निकाले गए, लेकिन खर्च नहीं किए। 

आश्रम पद्धति विद्यालय: ठेकेदारों को मनमाना भुगतान राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय बिडौरा ऊधमसिंह नगर में बगैर टेंडर के भोजन ठेकेदार मैसर्स मैट्रिक्स एनवायरनमेंटल श्यामपुर, देहरादून को 49.34 लाख का भुगतान किया गया। देयकों में विद्युत और जल मूल्य की कटौती नहीं की गई। 

राजकीय आश्रम पद्धति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कालसी में बगैर स्वीकृति के छह शिक्षकों की तैनाती की गई और उन्हें वेतन व अन्य मदों में 92 लाख का अनियमित भुगतान किया गया। शासन की स्वीकृति और निविदा के बगैर ही आरसी कंस्ट्रक्शन को भोजन आपूर्ति मद में 33.68 लाख का दोषपूर्ण भुगतान हुआ।

छह साल तक खातों में दबाए 76.92 लाख

समाज कल्याण में बजट को ठिकाने लगाने के लिए अधिकारी नियमों को ताक पर रखने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऊधमसिंहनगर जिले में अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में डॉ भीमराव अंबेडकर बहुद्देश्यीय भवन निर्माण की धनराशि 76.92 लाख की धनराशि छह वर्षो तक दबाए रखी गई। बाद में इसे शासन को वापस किया गया। 

वहीं बगैर टेंडर के लिए भोजन व्यवस्था से जुड़े ठेकेदारों को लाखों की राशि थमा दी गई। समाज कल्याण के ऑडिट की रिपोर्ट में वित्तीय गड़बड़ी चौंकाने वाली है। ऊधमसिंह नगर जिले में समाज कल्याण अधिकारी की ओर से योजना शुरू किए बिना ही 33.20 लाख और ब्याज की 6.59 लाख की राशि चालू खाते में अनियमित तरीके से रखी गई। 

कमजोर जनजातीय समूहों की विकास योजना में एक परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने के बाद भी स्वीकृत धनराशि 3.19 लाख कार्यदायी संस्था को दिए गए। अनुसूचित जाति उपयोजना की योजनाओं में स्वीकृत संपूर्ण धनराशि 62.66 लाख कोषागार से एक साथ निकाली गई और बैंक खातों में अनधिकृत रूप से अवरुद्ध रखी गई। 

विद्युत व टेंट ठेकेदारों के देयकों से टीडीएस कटौती नहीं कर राजस्व का चूना तो लगाया ही गया, 25 हजार से अधिक मूल्य की सामग्री बगैर कोटेशन की ही खरीदी गई। अधिक वेतन का भुगतान राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय रुद्रपुर में अनुसेवक हेमा जोशी का वेतन सातवें वेतन आयोग के तहत दोषपूर्ण तय किया गया। 

सेवा पुस्तिका की जांच में पाया गया कि वेतन निर्धारण गलत हुआ। वहीं जांच में यह सामने आया कि गृह माता मीनाक्षी खान को एसीपी के तहत त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारित कर 60 हजार रुपये का अधिक भुगतान किया गया। एसीपी एरियर के रूप में 10 हजार रुपये का अधिक भुगतान हुआ। 

पूर्व अधीक्षिका चंद्रकला गुप्ता को अधीक्षिका पद पर कार्यरत अवधि में बोनस राशि 62 हजार रुपये का अनियमित भुगतान किया गया। राजकीय आश्रम पद्धति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय त्यूणी, चकराता में शासन से अनुमति के बगैर अनुसूचित जाति के छात्रों पर 27.79 लाख का अनुचित खर्च किया गया।

राजकीय आश्रम पद्धति उच्चतर माध्यमिक बालिका विद्यालय लांगा पोखरी, चकराता में शासन की मंजूरी के बगैर ही नामांकित अनुसूचित जाति के छात्रों पर 26.21 लाख का अनियमित खर्च किया गया। पेयजल लाइन मरम्मत के लिए कार्यदायी संस्था को 6.32 लाख का भुगतान किया गया, लेकिन कार्य अधूरा ही रहा। वित्त सचिव अमित नेगी के मुताबिक उक्त ऑडिट रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग सचिव को भेजी गई है, ताकि संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा सके।

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