छात्रवृत्ति घोटाले में घिरे देहरादून के छह संस्थान, पढ़िए पूरी खबर
दून के छह प्रोफेशनल शिक्षण संस्थान छात्रवृत्ति घोटाले में कार्रवाई की जद में आ गए हैं। एसआइटी ने इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं की संख्या और सीटों का ब्योरा मांगा है।
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले में दून के छह प्रोफेशनल शिक्षण संस्थान कार्रवाई की जद में आ गए हैं। एसआइटी ने इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रओं की संख्या और सीटों का ब्योरा मांगा है। इसके अलावा जारी छात्रवृत्ति को लेकर 22 बैंकों से भी डिटेल मांगी गई है। अन्य साक्ष्य मिलते ही एसआइटी बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी को दून के करीब 26 शिक्षण संस्थान में गड़बड़ी की सूचना मिली है। इसी आधार पर एसआइटी ने प्रेमनगर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस क्षेत्र में अभी तक छह बड़े प्राइवेट शिक्षण संस्थान एसआइटी की पकड़ में आ गए हैं।
एसआइटी की टीम ने प्रेमनगर, सेलाकुई, डाकपत्थर, विकासनगर के इन संस्थानों को जारी हुई छात्रवृत्ति के सापेक्ष वहां मौजूद इंजीनियरिंग, मेडिकल, बीबीए, एमबीए, बीसीए, एमसीए पॉलीटेक्निक, होटल मैनेजमेंट आदि सीटों, पढ़ने वाले कुल छात्र-छात्रएं, एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों की जानकारी मांगी गई हैं।
एसआइटी सूत्रों का कहना है कि प्रेमनगर के चार संस्थानों से कुछ दस्तावेज मिल गए हैं। इनका मिलान किया जा रहा है। इसके अलावा इन संस्थानों को समाज कल्याण से जारी छात्रवृत्ति की रकम जिन बैंकों में जमा हुई है, उनकी भी पड़ताल की जा रही है। अभी तक 400 छात्र-छात्रओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति बांटे जाने के प्रमाण मिले हैं। इसी आधार पर एसआइटी सत्यापन कर फर्जीवाड़े के खुलासे में जुटी हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले के दोषियों पर हो कार्रवाई
एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस्ड कॉलेज ने छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त सभी आरोपितों पर कार्रवाई की मांग की है। कहा कि अभी तक एसआइटी केवल संलिप्त कॉलेजों पर ही कार्रवाई कर रहा है, जो अनुचित है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने हाथीबड़कला स्थित कार्यालय में शनिवार को प्रेसवार्ता की। कहा कि छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में केवल शिक्षा संस्थानों को निशाना बनाना ठीक नहीं। जबकि छात्रवृत्ति के दस्तावेजों के सत्यापन करने वाले संबंधित अधिकारी, पात्र छात्र व धनराशि आवंटित करने वाले अधिकारी भी बराबर के दोषी हैं। एसआइटी को सभी पर कार्रवाई करनी चाहिए। जो शिक्षा संस्थान दोषी हैं उन पर तो कार्रवाई जायज है, लेकिन सभी संस्थानों को बदनाम करने की वह निंदा करते हैं।
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