सरदार पटेल की जयंती पर दिखेगी उत्तराखंड की झलक, गुजरात के स्टेच्यू आफ यूनिटी परेड में निकलेगी झांकी
गुजरात के एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर उत्तराखंड 'अष्ट तत्व और एकत्व' झांकी प्रस्तुत करेगा। यह झांकी देवभूमि की संस्कृति, अध्यात्म और प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाएगी। 14 लोक कलाकारों का दल पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुत करेगा। उत्तराखंड की झांकी देश की एकता, विविधता और समरसता का प्रतीक बनेगी।

अष्ट तत्व और एकत्व थीम झांकी में 14 लोक कलाकारों का दल होगा शामिल. File
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के एकता नगर में स्थित स्टेच्यू आफ यूनिटी के सम्मुख 31 अक्टूबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में उत्तराखंड राज्य अपनी विशिष्ट झांकी अष्ट तत्व और एकत्व के माध्यम से देवभूमि की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक विरासत की झलक प्रस्तुत करेगा।
इस झांकी में उत्तराखंड के दिव्य धार्मिक स्थलों, प्राकृतिक सौंदर्य, लोक संस्कृति, पारंपरिक जीवन शैली और सतत विकास के प्रति राज्य की प्रगतिशील दृष्टि को आकर्षक रूप में दर्शाया जाएगा। आठ तत्वों की समरसता और एकता की भावना पर आधारित यह झांकी उत्तराखंड की अध्यात्म, प्रकृति और आधुनिक विकास के बीच संतुलन का संदेश देगी।
सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के इस राष्ट्रीय समारोह में प्रतिभाग करना राज्य के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति की ओर से कई चरणों के मूल्यांकन के बाद देश के केवल आठ राज्यों की झांकियों को चयनित किया गया है, जिनमें उत्तराखंड की झांकी भी शामिल है। राज्य की झांकी के निर्माण कार्य का दायित्व सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी केएस चौहान को सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि झांकी निर्माण और सांस्कृतिक कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
उत्तराखंड के 14 लोक कलाकारों का दल परेड के दौरान राज्य के पारंपरिक लोक नृत्य और संगीत की शानदार प्रस्तुति देगा, जिससे दर्शक उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की समृद्ध झलक देख सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य की टीम ने स्टैच्यू आफ यूनिटी के सम्मुख आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में सफलतापूर्वक प्रतिभाग किया है। इस अवसर पर उत्तराखंड की झांकी और लोक संस्कृति देश की एकता, विविधता और समरसता का प्रतीक बनकर दर्शकों को आकर्षित करेगी।

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