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अजब गजब: सरकारी आवास में 'सपेरे' का वास

उत्तराखंड में जहां अधिकारी आवास को तरस रहे तो दूसरी तरफ राजकीय आवास को टीओ क्वार्टर बना दिया गया। जिसमें एक सपेरा ठहरा हुआ है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 28 May 2018 05:28 PM (IST)
अजब गजब: सरकारी आवास में 'सपेरे' का वास
अजब गजब: सरकारी आवास में 'सपेरे' का वास

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड वन विभाग में जो हो जाए, वह कम है। एक ओर अधिकारी आवास को तरस रहे तो दूसरी तरफ राजकीय आवास को टीओ क्वार्टर बना दिया गया। मसला जुड़ा है देहरादून में इंदिरानगर में मलिक चौक के नजदीक स्थित सरकारी आवास से। इसे किसी अधिकारी को आवंटित करने की बजाय वहां सांप पकड़ने वाले झारखंड निवासी एक व्यक्ति और उसके साथी को ठहराया गया है। 

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दरअसल, वन मुख्यालय के मुख्य वन संरक्षक मनोज चंद्रन की ओर से इंदिरानगर स्थित राजकीय आवास उन्हें आवंटित करने का आवेदन प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) से किया गया। इस पर पीसीसीएफ की ओर से उन्हें अवगत कराया गया कि इस आवास को टीओ क्वार्टर बनाया गया है, जिस कारण इसका आवंटन संभव प्रतीत नहीं होता। बताते हैं कि इस पर जब मुख्य वन संरक्षक ने इस आवास का निरीक्षण किया तो इसमें चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। 

सूत्रों के मुताबिक इस सिलसिले में चंद्रन ने फिर से पीसीसीएफ को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने बताया है कि यह राजकीय आवास तत्कालीन पीसीसीएफ एसएस शर्मा के सेवानिवृत्त होने और उनके द्वारा खाली किए जाने के बाद इसे किसी को आवंटित नहीं किया गया। अलबत्ता, अन्य विभागों से इस आवास को अधिग्रहण से बचाने के मद्देनजर इसे टीओ क्वार्टर बनाने के साथ ही इस आशय का बोर्ड वहां लगाया गया है। 

पत्र में उल्लेख है कि इस भवन का भ्रमण करने पर वहां मौजूद कर्मचारी ने बताया कि कोई अधिकारी पिछले कई महीनों से वहां नहीं आया है। वर्तमान में इसका उपयोग टीओ क्वार्टर के रूप में भी नहीं हो रहा। अलबत्ता, वहां एक कमरे में दो लोगों का बिस्तर व सामान देखा गया। इस पर कर्मियों ने बताया कि यहां झारखंड से आया अरशद नाम का व्यक्ति अपने साथी के साथ रुका है, जो सांप पकड़ने का कार्य करता है। 

यह भी कहा गया है कि टीओ क्वार्टर के लिए वर्तमान में चंद्रबनी में उचित व्यवस्था है। लिहाजा, इस आवास को टीओ क्वार्टर बनाने का कोई औचित्य नहीं है। किसी अधिकारी के रहने से यह मेंटेन्ड रहेगा। पत्र में चंद्रन ने आग्रह किया है कि यह आवास उन्हें आवंटित किया जाए। 

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