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    Uttarakhand News: देववाणी संस्कृत भाषा संरक्षण के आदर्श बनेंगे राज्य के 13 गांव, आज CM धामी करेंगे शुभारंभ

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 09:04 AM (IST)

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संस्कृत ग्राम भोगपुर से राज्य के प्रत्येक जिले में एक आदर्श संस्कृत ग्राम बनाने की योजना का शुभारंभ किया। इस योजना का उद्देश्य संस्कृत को जनभाषा बनाना और इसका गौरव वापस लाना है। इन गांवों में ग्रामीण संस्कृत में वार्तालाप करेंगे और सनातन संस्कृति के अनुरूप कार्य करेंगे। कर्नाटक का मत्तूर गांव भारत का संस्कृत गांव है।

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    आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संस्कृत ग्राम भोगपुर से करेंगे शुभारंभ। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश की दूसरी राजभाषा और देववाणी संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर राज्य सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले में एक आदर्श संस्कृत ग्राम तैयार किया है, जिसमें संस्कृत के उत्थान को लेकर समग्र प्रयास होंगे।

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    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को संस्कृत ग्राम भोगपुर (देहरादून) से इस योजना का शुभारंभ करेंगे। इसमें सभी जिलों के आदर्श संस्कृत ग्राम वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे। आदर्श ग्राम विकसित करने की योजना उत्तराखंड संस्कृत अकादमी व केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली संयुक्त रूप से संचालित कर रहे हैं।

    संस्कृत को जनभाषा बनाने और इसका गौरव वापस लौटाने के लिए सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक आदर्श संस्कृत ग्राम बनाने की पूर्व में घोषणा की थी और इन ग्रामों का चयन भी कर दिया गया। संस्कृत शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि संस्कृत सप्ताह के तहत रविवार को संस्कृत ग्राम भोगपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योजना का विधिवत उद्घाटन करेंगे।

    आपसी वार्तालाप से लेकर कामकाज संस्कृत में होंगे

    इन गांवों में भारतीय आदर्शों को स्थापित किया जाएगा। ग्रामीण देववाणी संस्कृत को आत्मसात कर आपसी वार्तालाप से लेकर सभी कामकाज संस्कृत में सकेंगे। सनातन संस्कृति के अनुरूप विभिन्न संस्कारों के अवसर पर वेद, पुराणों और उपनिषदों का पाठ किया जाएगा।

    गांव, संस्कृत की रक्षा, सद्भावना निर्माण, नारी सम्मान के अभिवर्धन, चरित्र निर्माण, अपराध प्रवृत्ति रोकने, नशामुक्त समाज बनाने को लेकर भी काम करेगा। संस्कृत ग्राम से राज्य की संस्कृति, संस्कार और ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार का लक्ष्य रखा गया है।

    ये हैं आदर्श संस्कृत ग्राम

    राज्य सरकार द्वारा घोषित आदर्श संस्कृत ग्रामों में नूरपुर पंजनहेड़ी (हरिद्वार), कोटगांव (उत्तरकाशी), डिम्मर (चमोली), बैंजी (रूद्रप्रयाग), मुखेम (टिहरी), भोगपुर (देहरादून), गोदा (पौड़ी), उर्ग (पिथौरागढ़), खर्ककार्की (चंपावत), सेरी (बागेश्वर), जैंती पांडेकोटा (अल्मोड़ा), पांडेगांव (नैनीताल), नगला तराई (ऊधमसिंह नगर) शामिल हैं।

    कर्नाटक का मत्तूर है भारत का संस्कृत गांव

    कर्नाटक में संस्कृत बोलने वाला गांव मत्तूर है, जो शिवमोग्गा जिले में स्थित है। इस गांव में संस्कृत दैनिक जीवन में संचार की मुख्य भाषा है। मत्तूर में संस्कृत सीखने के लिए स्कूल, संस्थान और संस्कृत केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, हालांकि राज्य की सामान्य भाषा कन्नड़ है।