Sanskarshala 2022 : इंटरनेट मीडिया को ज्ञानार्जन का माध्यम बनाइये, आज का युग डिजिटल साक्षात्कार का युग
शिक्षा प्रौद्योगिकी मीडिया तथा अन्य सभी क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन ने शारीरिक भावनात्मक व सामाजिक विकास की दशा और दिशा को बदलकर रख दिया है।प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ती कनेक्टिविटी के साथ ही आभासी दुनिया के संयोजन ने भौतिक बाधाओं को दूर कर दिया है।
टीम जागरण देहरादून: विगत दो वर्षों में कोरोना महामारी ने संपूर्ण विश्व को इतना प्रभावित किया है कि हमारे जीने के तौर-तरीके में भी आमूलचूल बदलाव आ गया है। सामाजिक प्राणी के रूप में विकसित सभ्यता का अंग मनुष्य सामाजिक दूरी का पालन करते-करते एकाकी से जीवन में अभ्यस्त होता जा रहा है। इसी अकेलेपन को दूर करने में हमारा साथी बनती जा रही है तकनीक। महामारी से लड़ते-लड़ते हम सूचना महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
आभासी दुनिया के संयोजन ने किया भौतिक बाधाओं को दूर
शिक्षा, प्रौद्योगिकी, मीडिया तथा अन्य सभी क्षेत्रों में डिजिटलाइजेशन ने शारीरिक भावनात्मक व सामाजिक विकास की दशा और दिशा को बदलकर रख दिया है।प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ती कनेक्टिविटी के साथ ही आभासी दुनिया के संयोजन ने भौतिक बाधाओं को दूर कर दिया है। डिजिटल प्लेटफार्म पर अभिव्यक्ति का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। व्यापक नीति व नियमन के अभाव में डिजिटल प्लेटफार्म अपनी शर्तों पर काम कर रहे है। तथा अपनी लाभप्रद स्थितियां को बनाए रखते हुए स्व-विनियमित रहना चाहते हैं। आज का युग डिजिटल साक्षात्कार का युग है। इंटरनेट तथा तकनीक के माध्यम से सभी चीजों को पढऩा, लिखना व समझना सरल प्रतीत होता है।
डिजिटल क्रांति ने शिक्षण कार्यों में बनाई गहरी पैठ
शहरी क्षेत्रों में न सिर्फ युवा बल्कि बालक व वृद्ध भी अधिकांश समय इंटरनेट पर व्यतीत करते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी इंटरनेट के प्रयोग से डिजिटल क्रांति ने शिक्षण कार्यों में गहरी पैठ बना ली है। डिजिटल प्लेटफार्म पर सूचनाओं व जानकारियों का अपार भंडार एक क्लिक पर सहज ही उपलब्ध हो जाता है।डिजिटलाइजेशन के सरल, सहज प्रयोग से विभिन्न समस्याओं का भी प्रादुर्भाव हुआ है। इंटरनेट पर उपलब्ध तथ्यों की प्रमाणिकता तथा विश्वसनीयता को जाने व परखें बिना ही उनका प्रेषण विभिन्न समस्याओं व मतभेद की स्थिति को उत्पन्न करता है।
आधी-अधूरी जानकारी छात्रों के भविष्य को कर सकती है प्रभावित
आनलाइन शिक्षण के विभिन्न प्लेटफार्मस की सही जानकारी ना होने अथवा सर्च इंजन या की वर्डस की आधी-अधूरी जानकारी छात्र-छात्राओं के भविष्य को प्रभावित कर सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि हम इंटरनेट के महत्व को समझें व इंटरनेट पर सूचनाओं व जानकारियों को सर्च करने हेतु संपूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त करें। तकनीक के उपयोग का आनंद लेने के साथ ही उसके उचित उपयोग के प्रति अपने दायित्व को समझना भी अत्यन्त आवश्यक है, जिसके वह हमारे लिए ज्ञानार्जन का माध्यम बने अभिशाप नहीं।
प्रतिभा पाठक प्रधानाचार्य श्री गुरुराम इण्टर कालेज, नेहरूग्राम
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।