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Coronavirus: उत्तराखंड में सैंपल जांच के कार्यो में तेजी अब आएगी

प्रदेश सरकार ने एम्स भारतीय पेट्रालियम संस्था और महंत इंद्रेश अस्पताल को सैंपल परीक्षण की मंजूरी देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 11:10 AM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 11:10 AM (IST)
Coronavirus: उत्तराखंड में सैंपल जांच के कार्यो में तेजी अब आएगी
Coronavirus: उत्तराखंड में सैंपल जांच के कार्यो में तेजी अब आएगी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में अब कोरोना से संबंधित सैंपल लेने और इनकी रिपोर्ट जल्द मिलने के कार्यों में तेजी आ सकेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने एम्स, भारतीय पेट्रालियम संस्था और महंत इंद्रेश अस्पताल को सैंपल परीक्षण की मंजूरी देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। इसके अलावा केंद्र से निजी लैब को भी इसके परीक्षण की अनुमति देने के मानकों में थोड़ी छूट देने का अनुरोध किया गया है।

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प्रदेश में अभी कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल परीक्षण के लिए हल्द्वानी और दिल्ली भेजे जा रहे हैं। इससे मरीजों की रिपोर्ट मिलने में विलंब हो रहा है। इतना ही नहीं अभी सैंपल लेने का कार्य भी सीमित जगह से हो रहा है। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अब लैब की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार भी निजी लैब में परीक्षण करने की अनुमति दे चुकी है।

कैबिनेट की बैठक में एम्स देहरादून और आइइपी, मोहकमपुर को लैब बनाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजने का निर्णय लिया गया। आइआइपी मोहकमपुर की लैब आधुनिक और उच्चीकृत है। यह सभी मानकों को पूरा भी करती है। यह माना गया कि कोरोना के परीक्षण के लिए यह सबसे उचित रहेगी। आइआइपी प्रबंधन से वार्ता के बाद सरकार ने यहां लैब बनाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजने पर सहमति जताई है।

मिशन डायरेक्टर एनएचएम युगल किशोर पंत ने कहा कि तीनों जगह में लैब बनाने के प्रस्ताव केंद्र को भेजे जा रहे हैं। अन्य निजी लैबों से भी आवेदन प्राप्त हो रहे हैं। केंद्र से मानकों में शिथिलता देने का अनुरोध भी किया जा रहा है ताकि अन्य निजी लैब में कोरोना का परीक्षण किया जा सके।

एसएमआइ ने कोरोना जांच की अनुमति मांगी

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल ने कोरोना की जांच के लिए अनुमति मांगी है। अस्पताल प्रबंधन ने इस बावत प्रदेश और केंद्र सरकार ने पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि यहां लैब को अनुमति मिलने से लोगों को काफी राहत मिलेगी। अस्पताल की मोलीक्यूलर लैब में कोरोना सैंपलों की जांच के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। केंद्र व राज्य सरकार से अनुमति मिल जाती है तो यह न केवल उत्तराखंड बल्कि आसपास के क्षेत्र के मरीजों के लिए भी बड़ी राहत होगी।

सेंट्रल मोलीक्यूलर रिसर्च लैबोरेटरी, नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, (एनसीडीसी) नई दिल्ली से प्रमाणित यह उत्तराखंड का एकमात्र अधिकृत सेंटर है। कहा कि स्वाइन फ्लू के सैंपलों के जांच एवं परीक्षण की संपूर्ण सुविधा भी यहां उपलब्ध है। लैब को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय द्वारा भी स्वीकृति है। 

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अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी के अनुसार, हाल में केवल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की लैब में ही कोरोना की जांच की जा रही है। पर वहां अत्याधिक लोड है और रिपोर्ट आने में भी वक्त लग रहा है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने जांच की अनुमति मांगी है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से लैब में सभी आवश्यक तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। 

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