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Uttarakhand Lockdown: गांव आए हैं तो खेलें नहीं, एकांत में बिताएं समय: त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लॉकडाउन के दौरान गांव पहुंचे लोगों से अपील की है कि वह अपना समय वहां खेलकूद में नहीं बल्कि एकांत में बिताएं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 08:38 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 08:38 AM (IST)
Uttarakhand Lockdown: गांव आए हैं तो खेलें नहीं, एकांत में बिताएं समय: त्रिवेंद्र सिंह रावत
Uttarakhand Lockdown: गांव आए हैं तो खेलें नहीं, एकांत में बिताएं समय: त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुरक्षित शारीरिक दूरी को कोरोना से बचने का सबसे अच्छा इलाज बताया है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान गांव पहुंचे लोगों से अपील की है कि वह अपना समय वहां खेलकूद में नहीं, बल्कि एकांत में बिताएं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी सक्षम नहीं कि वहां लोगों को इलाज दिया जा सके। ऐसे में अपने गांव में रहें। बच्चों की सुरक्षा के लिए सुरक्षित दूरी बनाएं, खुद भी बचें और गांव वालों को भी बचाएं। उधर, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को भी आवश्यक वस्तुओं के लिए दुकानें सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक खुलेंगी। बैंक सुबह सात से 10 बजे तक लेन-देन का कार्य करेंगे। इसके बाद वे मार्च क्लोजिंग से संबंधित कार्य निपटाएंगे।

सोशल मीडिया के जरिये प्रदेश की जनता से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को देखते हुए हजारों लोग अपने गांवों में आए हैं। यह देखने में आया है कि गांव में आने वाले लोग आपस में वॉलीबाल, फुटबाल, ताश खेल रहे हैं। उन्हें एकांत में रहना चाहिए। समझना चाहिए कि यह बीमारी गांव तक फैल सकती है। उन्होंने कहा कि सबके सहयोग से उत्तराखंड जीतेगा, कोरोना हारेगा, उत्तराखंड से कोरोना भागेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक जनता ने जिस तरह से लॉकडाउन का समर्थन और अनुपालन किया है उसे आगे भी जारी रखा जाए।

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कुछ स्थानों में अभी भी अंजाने में भीड एकत्र हो रही है। कोरोना वायरस अंजाने में की जाने वाली भूल को भी माफ करने वाला नहीं है। यह बात समझनी होगी। जाने अनजाने में भी दो मीटर की दूरी पर खड़ा होना होगा।

उन्होंने कहा कि अनेक प्रवासी उत्तराखंडी देश के अनेक हिस्सों में नौकरी करते थे आजीविका चलाते थे वह उनका तनाव समझ सकते हैं। भारत सरकार के किसी भी राज्य में कोई भूखा नहीं रहेगा। लोगों को स्कूल कॉलेज में ठहराया जा रहा है। यहां भी संयम का परिचय देना है और सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखनी है।

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