साहित्य जगत के स्तंभ रस्किन बांड की हालत में सुधार, सभी जांच रिपोर्ट सामान्य, सोमवार तक मिल सकती है छुट्टी
साहित्य जगत के प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। उनकी सभी जांच रिपोर्ट सामान्य हैं, जिससे उनके प्रशंसकों में खुशी है। डॉक्टर ...और पढ़ें

प्रसिद्ध बाल साहित्यकार और उपन्यासकार रस्किन बांड की फाइल फोटो। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रसिद्ध बाल लेखक, उपन्यासकार, पद्मश्री व पद्मभूषण से सम्मानित 91 वर्षीय रस्किन बांड को चलने में हो रही परेशानी के कारण देहरादून स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में भर्ती कराया गया है। उनकी सेहत में सुधार बताया जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
रस्किन बांड के बेटे राकेश बांड ने बताया कि उनके पिता के बाएं पैर की नसें कमजोर हो गई हैं। साथ ही वजन अधिक होने के कारण चलने-फिरने में दिक्कत बढ़ गई। एहतियातन उन्हें 10 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पैर के अलावा उन्हें कोई अन्य स्वास्थ्य परेशानी नहीं है। सभी जरूरी जांच रिपोर्ट सामान्य हैं। राकेश बांड के अनुसार, रस्किन बांड को फिजियोथेरेपी और आवश्यक चिकित्सकीय देखरेख दी जा रही है। स्वास्थ्य में सुधार को देखते हुए रविवार या सोमवार तक अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है।
साहित्य की दुनिया में रस्किन का विशेष स्थान
रस्किन बांड भारतीय साहित्य की उन विरल शख्सियतों में शामिल हैं, जिन्होंने बच्चों और युवाओं को पढ़ने से जोड़ने का काम किया। उनका जन्म 19 मई-1934 को कसौली (हिमाचल प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने बहुत कम उम्र में लेखन शुरू किया और 17 वर्ष की आयु में अपना पहला उपन्यास 'द रूम आन द रूफ' लिखा, जिसे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मसूरी को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले रस्किन बांड की कहानियों में पहाड़, प्रकृति, बचपन की मासूमियत और मानवीय संवेदनाएं प्रमुख रूप से झलकती हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में ब्लू अंब्रेला, ए फ्लाइट आफ पिजन्स, एंग्री रिवर, टाइम स्टाप्स ऐट शामली और ग्रैंडफादरज प्राइवेट जू शामिल हैं। उनकी कई कहानियों पर फिल्में और टीवी धारावाहिक भी बन चुके हैं।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान
रस्किन को साहित्य के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्मश्री और बाद में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। आज भी वे युवाओं और बच्चों के बीच उतने ही लोकप्रिय हैं जितने वह दशकों पहले थे।
उनके अस्पताल में भर्ती होने की खबर से साहित्य प्रेमियों में चिंता देखी गई, लेकिन उनकी सेहत में सुधार की जानकारी मिलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। इंटरनेट मीडिया और साहित्यिक जगत से जुड़े लोग उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

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