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    देहरादून में सड़क पर घूम रहे राटवीलर ने किया महिला पर हमला, सिर और हाथ पर गहरे घाव

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 07:05 PM (IST)

    देहरादून में राटवीलर कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है। बिधोली क्षेत्र में एक महिला पर राटवीलर ने हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। पीड़िता ने कुत्ते के मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों के नियंत्रण के लिए कोई ठोस नियम नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में सख्त कानून है और उत्तराखंड में भी ऐसे कानून की तैयारी चल रही है।

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    देहरादून में खूंखार राटवीलर का आतंक। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून। शौक और झूठी शान का नशा लोगों पर इतना हावी हो गया है कि वे दूसरों की जान दांव पर लगाने से भी नहीं हिचकिचा रहे। देहरादून में आवारा कुत्तों के साथ-साथ अब पालतू कुत्तों का आतंक भी तेजी से बढ़ रहा है।

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    खासकर राटवीलर जैसी खूंखार नस्लों को खुला घुमाने वाले लोग पूरे मोहल्ले के लिए खतरा बने हुए हैं। जाखन क्षेत्र में दो राटवीलर कुत्तों ने एक बुजुर्ग महिला को बुरी तरह नोच डाला था। अब बिधोली क्षेत्र के आमवाला ओखल गांव में एक और घटना ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए हैं।

    आमवाला ओखल निवासी 27 वर्षीय मोहिनी छेत्री बीते 18 सितंबर की शाम टहलने गई थी, घर लौटते वक्त बिना पट्टे और बिना मुंहबंद घूम रहे राटवीलर कुत्ते ने उन पर अचानक हमला कर दिया। सिर और हाथ में गहरे घाव होने से वह लहूलुहान हो गईं। उनके चीखने पर आसपास के लोग दौड़े और उन्हें कुत्ते के चंगुल से छुड़ाकर निजी अस्पताल पहुंचाया।

    पीड़िता का आरोप है कि कुत्ते का मालिक धूम सिंह बिष्ट अक्सर बिना किसी नियंत्रण के अपने कुत्ते को खुले में छोड़ देता है। यही नहीं, यह कुत्ता पहले भी हमला कर चुका है, लेकिन मालिक ने कोई सबक नहीं सीखा।

    प्रेमनगर थानाध्यक्ष कुंदन राम ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर कुत्ते के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। लेकिन, सवाल यह है कि पुलिस के पास कोई ठोस कार्रवाई का अधिकार न होने से हमले की पीड़ित को न्याय कैसे मिलेगा।

    कानून और व्यवस्था की लापरवाही

    देहरादून नगर निगम क्षेत्र में पहले हुई घटनाओं के बाद कड़े नियम बनाए गए, लेकिन ग्राम पंचायत क्षेत्रों और कैंट बोर्ड इलाकों में अब तक कोई स्पष्ट नियम नहीं हैं।

    मोहिनी पर हुए हमले ने यह साफ कर दिया है कि ग्रामीण इलाकों में कुत्तों के पंजीकरण, बंध्याकरण और नियंत्रण पर कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। स्थानीय स्तर पर निगरानी तंत्र न होने से लोग शौक के नाम पर किसी भी नस्ल का कुत्ता पालकर पूरे गांव को खतरे में डाल रहे हैं।

    यूपी में उम्रकैद, उत्तराखंड में कब

    हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने पालतू कुत्तों से होने वाली मौत या गंभीर हमलों पर उम्रकैद तक की सजा का सख्त प्रविधान किया है। उत्तराखंड सरकार भी ऐसे कानून की तैयारी कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति बेहद लचर है।

    देहरादून में लगातार सामने आ रही घटनाएं बता रही हैं कि खूंखार नस्ल के कुत्तों को पालने का शौक अब जानलेवा साबित हो रहा है। जाखन से लेकर बिधोली तक, महिलाएं और बुजुर्ग इसकी चपेट में आ रहे हैं।