Uttarakhand: आंगनबाड़ी केंद्रों में पौष्टिक आहार के नाम पर पहुंचे सड़े अंडे, मचा हड़कंप
देहरादून के आंगनबाड़ी केंद्र में सड़े अंडे मिलने का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है। सरकार बच्चों को पौष्टिक आहार देने की योजना चला रही है, लेकिन रायपुर क्षेत्र के केंद्र में सड़े अंडे पाए गए। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं, पर कंपनी का नाम बताने से अधिकारी कतरा रहे हैं। पहले भी एक्सपायरी दूध का मामला सामने आया था, जिसे दबा दिया गया था।

आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार सप्लाई कर रही कंपनी का नाम बताने को अधिकारी नहीं तैयार। प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, देहरादून । आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए सरकार पौषण आहार योजना संचालित कर रही है। बच्चों को कुपोषित से बचाने के लिए दूध, अंडे समेत विभिन्न पौष्टिक आहार वितरण किए जा रहे हैं। लेकिन रायपुर क्षेत्र के एक आंगनबाड़ी केंद्र में सड़े अंडे का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने से विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गई है। विभाग ने प्रसारित वीडियो की जांच बैठा दी है।
दरअसल, प्रदेश में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्र महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के अंतर्गत आते हैं। केंद्रों में सभी गतिविधियों का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) के स्तर से किए जाते हैं। केंद्रों में पोषण आहार की गुणवत्ता चेक करने की जिम्मेदारी डीपीओ की है। लेकिन केंद्रों की गतिविधियों को लेकर अधिकारी कितनी जिम्मेदारी से काम करते हैं। इसकी पोल इंटर मीडिया पर प्रसारित सड़े अंडे के वीडियो ने खोल दी है।
वीडियो रायपुर क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों का बताया जा रहा है। जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंडे लेने पहुंची। तो सभी पेटी में बदबूदार एवं सड़े अंडे मिले। कार्यकर्ताओं ने अंडे लेने से इनकार किया। इस बीच वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास निदेशक बंशी लाल राणा ने बताया वीडियो का संज्ञान लिया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। बताया स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं। यदि पोषण आहार में किसी तरह की कमी पाई जाती है। तो तत्काल वापस किया जाएगा।
कंपनी का नाम बताने को तैयार नहीं अधिकारी
पोषण सप्लाई के लिए विभाग की ओर से टेंडर किया गया है। लेकिन अधिकारी कंपनी का नाम बताने को तैयार नहीं है। जिससे अधिकारियों की कार्यशैली संदेह के घेरे में हैं। जबकि अनुबंध के समय पोषण आहार की सप्लाई को लेकर कठिन शर्तें लागू की जाती है। अनियमित्ता पाए जाने अनुबंध समाप्त किया जाता है।
पूर्व में एक्सपायरी दूध का मामला भी आया सामने
पूर्व में दीपनगर क्षेत्र के एक आंगनबाड़ी केंद्र में एक्सपायरी दूध का मामला भी सामने आया था। हालांकि अधिकारियों की मिली भगत एवं कंपनी को बचाने के लिए जांच दबा दी थी। लेकिन इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित सड़े अंडे का वीडियो ने फिर विभाग की घोर लापरवाही से पर्दा उठा दिया है।
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