स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास को रोडमैप तैयार, सुधरेंगे हालात
उत्तराखंंड में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए 2020 तक का रोडमैप तैयार कर लिया गया है।
देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के समयबद्ध विकास के लिए 2020 तक का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। इसके तहत आठ प्रमुख योजनाओं के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। जिसमें प्रत्येक गांवके 10 किमी दायरे में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का टारगेट है।
स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने गुरुवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने विजन-2020 के तहत जनपद स्तर पर किए जा रहे कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के बारे में जाना। एनएचएम के मिशन निदेशक युगल किशोर पंत ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत सामाजिक आर्थिक जनगणना-2011 की सूची में चिह्नित आवासहीन, बेसहारा, दिव्यांग, भूमिहीन मजदूर, गरीब, अनुसूचित जाति, जनजाति, निम्न आय वर्ग के परिवारों को सरकारी एवं निजी अस्पतालों के माध्यम से पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके अलावा स्वास्थ्य योजनाओं के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए एक डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना की सहायता से यूनिवर्सल हेल्थ सर्वे का कार्य अगले माह से प्रारंभ होगा।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्य चिकित्साधिकारी अपने-अपने जनपदों में चिकित्सकों की सुसंगत तैनाती के लिए अधिकृत हैं। उन्हें निर्देश दिए कि अस्पतालों में सामान्य व विशेषज्ञ चिकित्सकों की तर्क पूर्ण तैनाती का कार्य जल्द पूरा कर लें। बैठक में स्वास्थ्य निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, सहायक निदेशक व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
ये लक्ष्य निर्धारित
-मातृ मृत्यु दर 100/लाख।
-शिशु मृत्यु दर 30/हजार।
-05 वर्ष से कम आयु के बच्चों में शिशु मृत्यु दर 36/हजार।
-अस्पताल में प्रसव 90 प्रतिशत।
-13 जनपदों में ट्रॉमा सेंटर, ब्लड बैंक, आइसीयू की सुविधा।
-राज्य के समस्त परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ।
- राज्य के प्रत्येक गांव/तोक के 10 किमी दायरे में स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता।
-शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनेंगे 330 उप केंद्र
प्रदेश में ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के विकास व पंहुच को आसान बनाने के लिए 330 उप केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। एनएचएम के मिशन निदेशक युगल किशोर पंत ने बताया कि इस बाबत केंद्र ने बजट स्वीकृत कर दिया है। यह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण होंगे। जहां प्राथमिक रोगों की स्क्रीनिंग व उपचार किया जाएगा।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से निपटने के लिए अब नया फार्मूला
राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब एक नया फार्मूला अपनाने जा रहा है। इसके तहत जिला स्तर पर पुरुष एवं महिला चिकित्सालयों का एकीकरण किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने इस बाबत प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी है। यदि इनमें स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की गणना की जाए तो और भी भयावह तस्वीर सामने आएगी। राज्य सरकार इस कमी को दूर करने का भरसक प्रयास कर रही है, पर स्थिति अभी भी नियंत्रण में नहीं आ पाई है। गुरुवार को आयोजित बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पुरुष एवं महिला चिकित्सालयों के एकीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजे जाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव ने हाल ही में तैनात नए चिकित्सकों के बारे में भी जानकारी ली।
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