मुख्यमंत्री धामी ने सभी स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब गठन के दिए निर्देश, बैठक में SCERT ने लिया भाग
राज्य सरकार ने सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब गठित करने का निर्णय लिया है। SCERT ने पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा पर अध्याय शामिल किया है और ऑडियो-वीडियो संदेश तैयार किए हैं। शिक्षा मंत्री रावत ने जागरूकता गीतमाला जारी की है, जिसका उद्देश्य छात्रों और समाज को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। सड़क सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार अब विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाने जा रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में सभी स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब गठित करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल्यावस्था से ही सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी होने पर भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
मंगलवार को सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम सभागार में सड़क सुरक्षा को लेकर बैठक में शिक्षा विभाग की ओर से एससीईआरटी के अधिकारियों ने भाग लिया। एससीईआरटी ने स्कूली छात्रों को सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूक करने के लिए सुरक्षा संदेशों को लयबद्ध किया है। बैठक में एससीईआरटी की ओर से राज्य समन्वयक सड़क सुरक्षा विनय थपलियाल ने सहभागिता की और आगामी कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण दिया।
कक्षा नौ की पुस्तक में सड़क सुरक्षा पर एक अध्याय
एससीईआरटी की ओर से कक्षा नौ की आपदा प्रबंधन पुस्तक में सड़क सुरक्षा पर एक पूर्ण अध्याय शामिल किया गया है, जिससे इस विषय से संबंधित 10 अंकों के प्रश्न परीक्षा में पूछे जाएंगे।
वहीं, कक्षा एक और दो में भी सड़क सुरक्षा संकेतों को शामिल किया गया है ताकि बच्चों में प्रारंभिक स्तर पर ही यातायात नियमों की समझ विकसित हो सके। स्कूलों में शिक्षक छात्रों को समय-समय पर सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूक करते हैं ताकि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
एससीईआरटी ने छह आडियो-वीडियो संदेश किए तैयार
जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षा मंत्री रावत ने सड़क सुरक्षा पर आधारित आडियो-वीडियो गीतमाला काे जारी किया है। एससीईआरटी की ओर से इन छह लघु फिल्मों और गीतों को राज्यभर के शिक्षकों ने स्वयं लिखा और अपनी आवाज दी है। यह क्लिप माल, काम्प्लेक्स, चौक-चौराहों और स्कूलों में नियमित रूप से प्रसारित की जाएंगी, ताकि छात्र स्वयं जागरूक हों और समाज को भी जागरूक करने में अपनी भूमिका निभा सकें।

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