Uttarakhand में नई सड़कों को बनाने से पहले साझा करेंगे सूचना, तैयार किया गया रोड कटिंग नीति का ड्राफ्ट
उत्तराखंड में नई सड़कें बनाने से पहले लोक निर्माण विभाग ऊर्जा पेयजल जल संस्थान व विकास एजेंसियों से जानकारी साझा करेगा। प्रस्तावित रोड कटिंग नीति का खाका तैयार किया गया है जिसे जल्द ही मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उद्देश्य यह है कि नई सड़क बनने के बाद विकास कार्य के नाम पर खोदाई न हो जिससे सड़कों की गुणवत्ता बनी रहे।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश में अब नई सड़कें बनाने से पहले लोक निर्माण विभाग इनकी जानकारी ऊर्जा, पेयजल, जल संस्थान व विकास एजेंसियों से साझा करेगा। इन विभागों से नई सड़क के निर्माण से पहले किसी प्रकार के प्रस्तावित विकास कार्य के बारे में सूचना ली जाएगी।
इसके बाद इस सड़क के निर्माण की समय-सीमा निर्धारित की जाएगी। उद्देश्य यह कि नई सड़क बनने के बाद इसमें अन्य किसी विकास कार्य के नाम पर खोदाई न हो। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तावित रोड कटिंग नीति का खाका तैयार कर लिया गया है। अब इसे जल्द ही मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रदेश में सड़कें आवागमन का प्रमुख साधन है। यह देखने में आया है कि कई बार नई सड़कों पर कुछ समय बाद ही विभिन्न विकास कार्यों के लिए खोदाई शुरू हो जाती है। इससे लाखों की लागत से बनी सड़कें कुछ साल में ही खराब हो जाती हैं। इनके पुनर्निर्माण में कई बार वर्षों लग जाते हैं।
वैसे तो यह व्यवस्था है कि यदि कोई विभाग किसी विकास कार्य के लिए सड़क की खोदाई करता है तो वह इसकी प्रतिपूर्ति करेगा। कई बार संबंधित विभाग यह राशि जमा कर देते हैं तो कई बार यह राशि वर्षों तक लंबित रह जाती है। इस कारण इन सड़कों पर पैच वर्क का कार्य भी नहीं हो पाता।
नतीजा यह होता है कि एक बरसात में ही सड़कों का टूटना शुरू हो जाता है। इससे न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग होता है बल्कि स्थानीय निवासियों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग को रोड कटिंग नीति बनाने के निर्देश दिए थे।
अब विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। इस संबंध में कुछ दौर की बैठकें सचिव लोक निर्माण के स्तर पर हो चुकी हैं। सूत्रों की मानें तो व्यवस्था यह की जा रही है कि किसी भी स्थान पर कार्य करने से पहले संबंधित विभाग इसकी सूचना लोक निर्माण विभाग को देंगे।
लोक निर्माण विभाग जहां भी नई सड़क प्रस्तावित करेगा, वह इसकी जानकारी इन विभागों को देगा ताकि सड़क निर्माण का कार्य होने से पहले वे पेयजल लाइन, विद्युत लाइन अथवा सीवर आदि बिछाने का कार्य कर लें। जब यह कार्य पूर्ण हो जाएगा तो उसके बाद लोक निर्माण विभाग सड़क बनाना प्रारंभ करेगा।
लोनिवि के प्रमुख अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि नीति का खाका तैयार किया जा चुका है। अब इसमें संबंधित विभागों के साथ चर्चा की जा रही है। इसके बाद इसे शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

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