उत्तराखंडः पर्वतीय जनपदों में सड़कों को जख्म दे रही बारिश
उत्तराखंड में मौसम ने भले ही पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर गर्मी से राहत दी हो, लेकिन मौसम का रौद्र रूप भारी भी पड़ रहा है। सड़कें अवरुद्ध होने से लोगों की परेशानी बढ़ रही।
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में मौसम की बदली करवट ने भले ही पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर गर्मी से राहत दी हो, लेकिन मौसम का रौद्र रूप भारी भी पड़ रहा है। पिथौरागढ़ जिले में बागेश्वर सीमा से कालामुनि तक अंधड़, जोरदार बारिश-ओलावृष्टि ने सांसें अटकाए रखीं तो सैणरांथी के चथरी ग्वार में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर 30 भेड़ों की मौत हो गई, जबकि 40 लापता हैं।
बारिश और ओलावृष्टि के चलते थल-मुनस्यारी मार्ग करीब 27 घंटे बंद रहा, जबकि बदरीनाथ राजमार्ग पर श्रीनगर व रुद्रप्रयाग के बीच रैंतोली में मलबा आने से ढाई घंटे यातायात बाधित रहा। यही नहीं, टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र समेत अन्य स्थानों पर ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। उधर, मौसम विभाग की मानें तो मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रह सकता है। राज्य में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा अथवा गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
पारे की उछाल के बीच उत्तराखंड में उमड़े बादल पर्वतीय इलाकों में राहत बरसा रहे हैं। चमोली जिले में अनेक स्थानों पर जोरदार बारिश हुई तो बदरीनाथ व हेमकुंड की पहाड़ियों पर हल्का हिमपात हुआ। जनपद रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ समेत अन्य जनपदों में कुछेक जगह बौछारें पड़ीं।
यही नहीं, पहाड़ में मौसम का रौद्र रूप मुश्किलें भी खड़ी कर रहा है। चमोली में जोरदार अंधड़ चड़ा, जिससे चमोली-गोपेश्वर मार्ग पर पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा।
पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में अंधड़ के चलते कई स्थानों पर पेड़ उखडऩे से विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। ओलावृष्टि और फिर तेज बारिश से वनिक के पास नाले के उफान से थल- मुनस्यारी मार्ग का एक हिस्सा बह गया। इससे वहां कई वाहन फंस गए, जो 27 घंटे बाद जैसे-तैसे निकल पाए। इसी दौरान सैणरांथी और होकरा मार्ग भी मलबा आने से बंद हो गए। ओलावृष्टि से फसलों को क्षति पहुंची है।
मैदानी क्षेत्रों में आज के आसार
गर्मी में तप रहे मैदानी क्षेत्रों को आज से राहत मिलने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।
थंडर स्ट्रॉम से रहें सतर्क
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह बताते हैं कि वर्तमान में प्री-मानसून सीजन चल रहा है। इस दरम्यान थंडर स्ट्रॉम (चमक-गरज के बीच तेज हवा, बारिश व ओलावृष्टि) की अधिकता होती है। थंडर स्ट्रॉम सीमित क्षेत्र में करीब आधे घंटे की अवधि तक रहते हैं। इस दौरान हवा की रफ्तार 60 से 70 किमी प्रति घंटे तक रह सकती है। लिहाजा, थंडर स्ट्रॉम के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत है।
दून में सीजन का सबसे गर्म दिन
सूबे के अन्य क्षेत्रों की भांति दून भी इन दिनों उबल रहा है। पारा लगातार उछाल भर रहा है और गुरुवार को अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे अधिक है। इसके साथ ही गुरुवार सीजन के सबसे गर्म दिन में शुमार हो गया। मौसम विभाग के मुताबिक दून में कुछ क्षेत्रों में गर्जन वाले बादल विकसित होने और हल्की वर्षा की संभावना है। बावजूद इसके पारे में उछाल बनी रह सकती है। अधिकतम तापमान 38 और न्यूनतम 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।