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    Rishikesh में पर्यटक उड़ा रहे यातायात नियम की धज्जियां, कारोबारी भुगत रहे चालान; 400 कमाने में गंवाए 5000

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 05:42 PM (IST)

    ऋषिकेश में रेंटल स्कूटी और बाइकों के ऑनलाइन चालान से व्यवसायी परेशान हैं। पर्यटक यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं जिससे एजेंटों को चालान भरने पड़ रहे हैं। ब्रह्मपुरी और भद्रकाली में लगे कैमरों के कारण यह समस्या बढ़ गई है। परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा को देखते हुए यह कैमरे लगाए हैं लेकिन रेंटल सेवा प्रदाताओं के लिए यह एक चुनौती बन गई है।

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    स्कूटी किराये से मिले 400, लेकिन चालान में गंवाने पड़ रहे 1000 से 5000 हजार रुपये। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। वैसे तो पर्यटन नगरी ऋषिकेश में पिछले चार-पांच वर्षों में दोपहिया वाहन किराये का व्यवसाय तेजी से फल-फूल रहा है, मगर पिछले दो महीने से चालकों की लापरवाही के चलते व्यवसायियों के लिए यह व्यवसाय घाटे का सौदा साबित हो रहा है।

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    ब्रह्मपुरी व भद्रकाली चेक पोस्ट पर एएनपीआर (आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकाग्निशन) कैमरे लगने के बाद यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे दोपहिया वाहनों के चालान कट रहे हैं, जिनमें किराये पर दिए गए दोपहिया वाहन भी शामिल हैं। पर्यटकों के जाने के बाद व्यवसायियों को आनलाइन चालान मिलने पर बड़ा झटका लग रहा है।

    ऋषिकेश, लक्ष्मणझूला व मुनिकीरेती क्षेत्र में रोजाना लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटकों को सुविधाजनक यात्रा कराने के लिए यहां दो-व्हीलर रेंटल एजेंसी पंजीकृत हैं, जिसमें पर्यटकों को बाइक व स्कूटी किराये पर दी जाती है, जिसका 24 घंटे के लिए अलग-अलग निर्धारित शुल्क लिया जाता है। स्कूटी का शुल्क 400 से 600 रुपये है, जबकि बाइक का शुल्क 500 से 1500 रुपये तक है।

    पर्यटक स्कूली व बाइक किराये पर तो ले जा रहे हैं, लेकिन ट्रैवल्स का दिए हेलमेट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, जिससे भद्रकाली व ब्रह्मपुरी चेक पोस्ट पर चालान कट रहे हैं। 24 घंटे पूरे होने पर पर्यटक दोपहिया वाहन टू-व्हीलर एजेंट को सौंपकर निकल रहे हैं, जिसके कुछ घंटे बाद एजेंट को मोबाइल में मैसेज के माध्यम से चालान की सूचना मिल रही है।

    एजेंट, उन पर्यटकों से फोन पर संपर्क कर रहे हैं, लेकिन वे भुगतान करने से हाथ खड़े कर रहे हैं। मजबूरन एजेंट को 1000 से 5000 रुपये तक चालान का भुगतान करना पड़ रहा है। एआरटीओ प्रवर्तन रश्मि पंत ने कहा कि एएनपीआर कैमरे लगाने का उद्देश्य चारधाम यात्रा व पर्वतीय मार्गों पर संचालित वाहनों की नियमित चेकिंग करना है। आटोमेटिक चालान की सूचना एक से दो घंटे में वाहन के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर दी जाती है। कभी-कभी तकनीकी व्यवधान के कारण चालान की सूचना में देरी होती है।

    परिवहन विभाग ने लगाए हैं कैमरे

    दरअसल, बीते जून माह में परिवहन विभाग की ओर से टिहरी जिले में ब्रह्मपुरी व भद्रकाली चेकपोस्ट व रायवाला स्थित सत्यनारायण मंदिर पर एएनपीआर कैमरे लगाए गए। आम तौर पर वाहन चालकों को यहां कैमरे होने की जानकारी नहीं होती, जिसके कारण नियमों का उल्लंघन करने पर वाहनों का

    पर्वतीय मार्गों में जाने व शिवपुरी, कौड़ियाला. नरेंद्रनगर जैसे लोकप्रिय लोकेशन में जाने के लिए पर्यटक ब्रह्मपुरी व भद्रकाली चेक पोस्ट से होकर गुजरते हैं। इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर उनके आनलाइन चालान किए जाते हैं।

    केस 1: लक्ष्मणझूला के व्यवसायी अंकित गुप्ता ने बताया कि बीते अगस्त महीने में उन्होंने दो स्कूटी के चालान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने पर्यटकों को महज 400 रुपये प्रतिदिन किराये पर स्कूटी दी, 24 घंटे पूरे होने के बाद पर्यटक वाहन सौंपकर व भुगतान पूरा कर चले गए। इसके बाद एक घंटे बाद उन्हें मोबाइल पर मैसेज में सूचना मिली कि उनकी स्कूटी का 4000 रुपये का चालान किया गया है।

    केस 2: अजय पांडेय ने बताया कि उन्होंने अगस्त महीने में एक पर्यटक को स्कूटी किराये पर दी थी। उन्होंने ब्रह्मपुरी चेक पोस्ट पर हेलमेट नहीं पहना था, जिसके कारण उनका 2000 रुपये का चालान किया गया। जब पर्यटक वाहन सौंपकर चला गया तब उन्हें मैसेज मिला। उन्होंने पर्यटक को खोजा, लेकिन कुछ पता नहीं चला। आखिरकार उन्हें चालान का भुगतान करना पड़ा।

    पर्यटकों को पढ़ाते हैं नियमों का पाठ

    लक्ष्मणझूला स्थित टू-व्हीलर रेंटल एजेंसी संचालक अंकित गुप्ता ने बताया कि जब वे पर्यटकों को बाइक-स्कूटी किराये पर देते हैं तो पहले ही यातायात नियमों का पालन करने की चेतावनी देते हैं। इसके साथ ही वाहन पर एक या दो लोग होने पर प्रत्येक को हेलमेट भी पहनाया जाता है।