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    क्या अय्याशी का अड्डा बन रहे हैं रिसॉर्ट? रेव पार्टी में 73 साल के बुजुर्ग भी मना रहे रंगरेलियां!

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 12:03 PM (IST)

    ऋषिकेश के गंगा भोगपुर में एक रिसॉर्ट में रेव पार्टी का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने नौ महिलाओं सहित 37 लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर जुर्माना लगाया। स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। आरोप है कि रिसॉर्ट में अनैतिक गतिविधियाँ हो रही थीं और नियमों का उल्लंघन किया गया था।

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    अय्याशी के अड्डे बने रिसॉर्ट, रेव पार्टी में 73 साल के बुजुर्ग भी थे शामिल। जागरण

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश । पिछले कुछ सालों में वन क्षेत्र से लगे इलाकों से लेकर गंगा किनारे तक बनाए गए अधिकांश रिसार्ट अय्याशी के अड्डे बने हुए हैं। दिल्ली एनसीआर से लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश तक के रसूखदारों के लिए यह बेहद मुफीद ठिकाने हैं।

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    हर अनैतिक कार्य यहां पर किया जा रहा है, पुलिस के संज्ञान में होते हुए भी कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति ही हो रही है। बीती मंगलवार को गंगा भोगपुर के चीला नहर कौड़िया पुल के पास इवाना रिसार्ट में रेव पार्टी करने के आरोप में पुलिस ने आर्केस्ट्रा ग्रुप से जुड़ी नौ महिलाओं सहित 37 लोगों को पुलिस ने पकड़ा था।

    आरोपितों पर पुलिस एक्ट कार्रवाई कर पांच-पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया। इस रेव पार्टी में औसत 30 साल के युवाओं के साथ 60 से लेकर 73 साल के बुजुर्ग भी शामिल थे। पुलिस की आरोपितों पर की गई खानापूर्ति कार्रवाई पर स्थानीय लोग भी सवाल उठ रहे हैं। जबकि पुलिस इस मामले में नियमनुसार कार्रवाई करने की बात कह रही है।

    ऋषिकेश क्षेत्र आध्यामिक और धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है। पिछले डेढ़ दशक में यह पर्यटन क्षेत्र के तौर पर भी उभरा है। मानसून सीजन में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित हो जाती है। इस दौरान भी पर्यटक इस क्षेत्र में आते रहते हैं। खासतौर से लक्ष्मणझूला क्षेत्र पर्यटकों का पसंदीदा है।

    गंगा भोगपुर का क्षेत्र पर्यटकों के लिए सबसे मुफीद स्थान

    हरिद्वार से चीला मार्ग होते हुए जैसे ही आगे बढ़ते हैं तो गंगा भोगपुर का क्षेत्र पर्यटकों के लिए सबसे मुफीद स्थान है। इस क्षेत्र में दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भी लगा है। यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। एक जुलाई को राफ्टिंग बंद होने के साथ ही कैंप और नदी तट के रिसार्ट भी बंद हो जाते हैं। इसके लिए सरकारी आदेश भी जारी होते हैं।

    राफ्टिंग तो इस दौरान बंद रहती है लेकिन रिसार्ट संचालक इसका उल्लंघन करते रहते हैं। प्रतिबंध के बावजूद प्रशासन के आदेश का उल्लंघन कर इवाना रिसार्ट पर बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र कर रेव पार्टी आयोजित की गई थी। पुलिस गश्त के दौरान यहां पर चल रही रेव पार्टी से पुलिस ने 28 पुरुष और नौ महिलाओं को पकड़ा।

    सख्त कार्रवाई करने के बजाए आरोपितों पर खानापूर्ति के लिए पुलिस एक्ट में कार्रवाई की गई। मात्र पांच-पांच सौ रुपये जुर्माना लगाकर आरोपितों को छोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर क्षेत्र में शांति व्यवस्था और माहौल बिगड़ने वालों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी तो ऐसी पार्टियों पर अंकुश लगाने की बात कहना बेमानी होगा। तीर्थनगरी की छवि इन पार्टियों के कारण ऐसी ही धूमिल होती रहेगी।

    अधिकतम एक साल तक कैद का है प्रविधान

    पुलिस ने मामले में रिसार्ट संचालक प्रशांत निवासी गंगा भोगपुर के खिलाफ बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 223 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यह धारा लोक सेवक की ओर से जारी किए गए वैध आदेशों की अवज्ञा से संबंधित है।

    इस धारा के तहत अवज्ञा के कारण किसी व्यक्ति को असुविधा, परेशानी या चोट लगने पर दोषी को छह महीने तक की साधारण कैद, 2,500 रुपये तक का जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है। यदि आदेश की अवहेलना के कारण मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा हो, या दंगा या झगड़ा हो, तो सजा एक साल तक की कैद और 5,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

    10 साल से कंपनी में काम करता था एरिया मैनेजर

    पुलिस मामले में चित्तारी एग्रीकल्चर कंपनी के एरिया मैनेजर मवाना मेरठ निवासी मनोज कुमार की कुंडली खंगाल रही है। थानाध्यक्ष संतोष पैथवाल का कहना है कि करीब 10 साल से मनोज कंपनी में काम कर रहा था। पहले चरण में वह टारगेट पूरा करने के लिए मुजफ्फरनगर के खाद कारोबारियों को लाया था। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों का कंपनी का काम देखता था। इसके बाद वह किसे लाने वाला था। इसकी जानकारी पुलिस जुटा रही है।

    मैं करीब 18 दिनों से अवकाश पर था। अभी सत्र के लिए गैरसैंण गया हूं। जल स्तर बढ़ने पर रिसार्ट, कैंप में गतिविधि न करने के आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद अगर रिसार्ट में आयोजन हो रहे है तो इस मामले में जानकारी लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे। -अनिल चन्याल, एसडीएम यमकेश्वर

    मैं अंकिता हूं, याद है न आपको

    मैं अंकिता हूं, याद है न आपको। मैं भी एक रिसार्ट में काम करने के लिए आई थी। पता है मेरे साथ क्या हुआ। रोज उस रिसार्ट में पार्टी होती थी। बाहर से लोग आते थे। मैं अपने काम के प्रति अड़िग रही, जब मुझे गलत लगा तो विरोध किया। आखिर मुझे मार दिया गया। कुछ को सजा हो गई। पर आप जानते हैं मेरे आसपास के क्षेत्र में लोग इसी तरह के रिसार्ट में आते हैं।

    न मैं नियम जान रही हूं न कायदे बस यह कि आखिर कानून ने इसके बाद भी इस क्षेत्र में इस तरह की गतिविधि की अनुमति क्यों दी। न मैं सजा दे सकती हूं न उन्हें इस खामोश माहौल में खलल डालने से रोक सकती हूं। तुम तो मेरे भाई जैसे हो, अच्छा है रोजगार कर रहे हो। प्रशांत भाई आप तो यहीं के रहने वाले हो।

    जब एक पत्र आ गया था कि भारी वर्षा हो रही है और प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से रिसार्ट और कैंपों के आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्योंकि भारी वर्षा के कारण ताल घाटी के हमारे लोग यह नदी के उफान में उसे पार नहीं कर पा रहे हैं, फिर कैसे आपने यह आयोजन किया। क्यों लोगों को वीआइपी मान लिया।

    माना कि मवाना के मनोज को चार करोड़ का टारगेट पूरा करना था। वह आर्केस्ट्रा पार्टी बुला रहा था, उसके टारगेट पूरा करने वाले मशीननुमा लोग थे। लेकिन यह तो याद रखते कि आखिर तुम उस जगह हो जिसके साथ गंगा जुड़ा है और उसे गंगा भोगपुर का इलाका कहते हैं।

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