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    Rishikesh Karnprayag Rail Line: उत्तराखंड के लिए काफी अहम यह परियोजना, तीर्थयात्री केवल चार घंटे में पहुंचेंगे बदरीनाथ

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Sat, 23 Apr 2022 08:49 AM (IST)

    Rishikesh Karnprayag Rail Line Project ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना को 2025 के दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना बदरी-केदारनाथ यात्रा का स्‍वरूप बदल देगी। परियोजना पूरी होने के बाद ऋषिकेश से कर्णप्रयाग महज दो घंटे में पहुंच सकेंगे।

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    Rishikesh Karnprayag Rail Line Project : उत्तराखंड के लिए अहम है प्रोजेक्ट

    टीम जागरण, देहरादून : Rishikesh Karnprayag Rail Line Project : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का प्रोजेक्ट उत्तराखंड के लिए काफी अहम है। यह रेल परियोजना बदरी-केदारनाथ यात्रा का स्‍वरूप बदल देगी। इस वजह से केदारनाथ, बदरीनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों का न ही समय बचेगा, बल्कि खर्च भी कम होगा। परियोजना को 2025 के दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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    ऋषिकेश से कर्णप्रयाग महज दो घंटे में

    इस परियोजना से केदारनाथ, बदरीनाथ तक तीर्थयात्रियों का पहुंचना आसान हो जाएगा। यह रेल लाइन उत्‍तराखंड के पांच जिलों यानी देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली को जोड़ने वाली एक अहम कड़ी साबित होगी। इस रेल परियोजना के पूरे होने के बाद ऋषिकेश से कर्णप्रयाग महज दो घंटे में पहुंच सकेंगे।

    ऋषिकेश से बदरीनाथ केवल चार घंटे में

    कर्णप्रयाग से बदरीनाथ धाम का सफर अभी करीब साढ़े चार घंटे का है। यह भी घटकर दो घंटे का रह जाएगा। जिसके बाद ऋषिकेश से बद्रीनाथ केवल चार घंटे में पहुंचा जा सकेगा। अभी ऋषिकेश से बदरीनाथ यात्रा में करीब 11 घंटे लग जाते हैं।

    एक नजर में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना

    उत्तराखंड में 16216 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर पूरे प्रदेश की नजर टिकी हुई है। इस परियोजना के पूरा होने से पर्वतीय जिलों में विकास की बहार बहने की उम्मीद है। 125 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में 105 किलोमीटर रेल लाइन 17 सुरंगों के भीतर से गुजरेगी।

    इस परियोजना के निर्माण के लिए रेल विकास निगम नौ पैकेज और 54 फेज में काम को बांटा है। इन सभी पैकेजों में रेल टनल, एडिट टनल, रेल ब्रिज तथा रोड ब्रिज के कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। इन नौ पैकेज में 80 फेज में काम किया जा रहा है।

    सबसे लंबी रेल सुरंग भी इसी परियोजना पर

    देश में अब तक की सबसे लंबी (14.08 किमी) रेल सुरंग भी इसी परियोजना पर तैयार हो रही है। देवप्रयाग (सौड़) से जनासू तक यह रेल सुरंग डबल ट्यूब टनल (आने-जाने के लिए अलग-अलग सुरंग) होगी।