Rishikesh Karnprayag Rail Project पर बड़ा अपडेट, पता चल गया कब पूरा होगा बची सात सुरंगों का काम?
Rishikesh Karnprayag Rail Project ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना में 46 में से 39 सुरंगों का काम पूरा हो चुका है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने बाकी बची सात सुरंगों को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस परियोजना में मुख्य सुरंगों के साथ निकासी सुरंगों का भी निर्माण किया जा रहा है जो सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन में बाकी बची सात सुरंगों को आर-पार (ब्रेकथ्रू) करने की समय सीमा रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने मार्च 2026 तय की है। इसमें छह मुख्य और निकासी सुरंग है। एक निकासी सुरंग को भी आरपार किया जाना है।
125 किलोमीटर की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का अधिकांश हिस्सा सुरंगों के अंदर है। कुल 46 सुरंगों से ट्रेन गुजरेगी। मुख्य सुरंग के साथ निकासी सुरंग भी आरवीएनएल बना रहा है। मुख्य और निकासी सुरंगों की कुल लंबाई 213 किलोमीटर है। इसमें से 198 किलोमीटर सुरंगों का काम हो चुका है।
शुक्रवार को एक और सुरंग ब्रेकथ्रू हुई थी। अब बाकी बची सात सुरंगों का काम पूरा करने की समय अवधि आरवीएनएल ने मार्च 2026 तय की है। इसमें ढालवाला से शिवपुरी, कौड़ियाला से तीन धारा के आगे, तिलनी से घोलतीर तक की मुख्य और निकासी सुरंग शामिल है।
देवप्रयाग से जनासू तक की निकासी सुरंग भी इस अवधि में आर-पार की जानी है। यहां मुख्य सुरंग आर-पार हो चुकी है। तिलनी से घोलतीर तक सुरंग निर्माण में मरोड़ा गांव को विस्थापित करना पड़ा था। यहां सुरंग खोदाई के दौरान पहाड़ खिसकने से खतरा पैदा हो गया था।
मुख्य के साथ बनाई जा रही निकासी सुरंग
रेल परियोजना में ट्रेनों का अधिकांश संचालन सुरंगों के अंदर होना है। इसलिए आपात स्थिति के लिए मुख्य के साथ निकासी सुरंग भी बनाई जा रही है। 375 मीटर पर मुख्य और निकासी सुरंग आपस में मिल रही हैं। आरवीएनएल के अधिकारी मार्च 2026 तक सुरंगों का काम पूरा करने में जुटे हुए हैं। पहले दिसंबर 2025 तक सभी सुरंगों को ब्रेकथ्रू करने का लक्ष्य रखा गया था। तय अवधि में काम नहीं होने पर इसे आगे बढ़ाया गया है।
सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है रेल लाइन
रेल मंत्रालय की ओर से सितंबर 2011 में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन को बनाने का जिम्मा रेल विकास निगम लिमिटेड को सौंपा गया था। रेल मंत्रालय की ओर से तब 4295 करोड़ की मंजूरी दी गई थी। नवंबर 2016 में रेलवे बोर्ड ने 16216.31 करोड़ रुपये इस परियोजना के लिए स्वीकृत किए। यह परियोजना न केवल उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों को रेल लाइन से कनेक्ट करने के साथ ही सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। रेल परियोजना में पांच जिले देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली का हिस्सा आता है।
ऋषिकेश रेलवे लाइन में कुल 46 सुरंग बननी है। इसमें से 39 तक काम पूरा हो चुका है। बाकी बची सात सुरंगों का काम मार्च 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें मुख्य और निकासी सुरंग शामिल है। - ओपी मालगुड़ी, उपमहाप्रबंधक (सिविल), आरवीएनएल
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