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    ऐसा पहला गंगा घाट जहां केवल महिलाएं ही करती हैं Ganga Aarti, भव्य दृश्य देखने को देश-विदेश से पहुंचते हैं लोग

    By Nirmala BohraEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sun, 09 Apr 2023 03:35 PM (IST)

    Rishikesh Ganga Aarti ऋषिकेश में महिलाओं द्वारा गंगा आरती की जाती है। वहीं यहां के स्‍थानीय निवासियों का दावा है कि ऋषिकेश का पूर्णानंद घाट ऐसा पहला घाट है जहां महिलाएं गंगा आरती करती हैं। साल 2022 में इस आरती की शुरुआत की गई।

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    Rishikesh Ganga Aarti: ऋषिकेश में महिलाओं द्वारा गंगा आरती की जाती है।

    टीम जागरण, देहरादून: Rishikesh Ganga Aarti: योग और अध्यात्म के लिए पहचान रखने वाली तीर्थनगरी ऋषिकेश में बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान तथा गंगा के सुंदर और शांत तटों पर समय बिताने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन यहां की एक खासियत और है जिसकी जानकारी शायद अभी ज्‍यादा लोगों को नहीं है।

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    दरअसल, ऋषिकेश में महिलाओं द्वारा गंगा आरती की जाती है। वहीं यहां के स्‍थानीय निवासियों का दावा है कि ऋषिकेश का पूर्णानंद घाट ऐसा पहला घाट है जहां महिलाएं गंगा आरती करती हैं।

    महिलाओं द्वारा सांध्यकालीन गंगा आरती

    दरअसल, ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट की ओर से यहां महिलाओं द्वारा सांध्यकालीन गंगा आरती करवाई जाती है। गंगा आरती करने वाली महिलाओं को गंग सबला नाम दिया गया है। साल 2022 में इस आरती की शुरुआत की गई। गंग सबला-एक संकल्पना परियोजना की ओर से मुनिकीरेती के पूर्णानंद घाट पर पिछले साल मकर संक्रांति के पावन पर्व पर इस महिला गंगा आरती की शुरुआत की गई थी।

    उत्तराखंड की महिलाओं के स्वाभिमान का प्रतीक

    गंगा तट पर महिलाओं की ओर से संचालित की जा रही यह गंगा आरती, उत्तराखंड की महिलाओं के स्वाभिमान का प्रतीक है। यह गंगा आरती समाज में महिला स्वावलंबन व नेतृत्व का संदेश भी देती है। महिलाओं की ओर से अब प्रतिदिन गंगा घाट पर संगीतमय गंगा आरती की जाती है। देश- विदेश से ऋषिकेश पहुंचे पर्यटक संध्‍याकालीन इस आरती के भव्‍य दृश्‍य को देखने के लिए पहुंचते हैं।

    परमार्थ निकेतन आश्रम और त्रिवेणी घाट की गंगा आरती है प्रसिद्ध

    ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम और त्रिवेणी घाट की गंगा आरती भी विश्‍व प्रसिद्ध है। हर शाम इस पावन पल का साक्षी बनने के लिए लोग पहुंचते हैं। परमार्थ निकेतन में गंगा आरती का आयोजन आश्रमवासियों द्वारा किया जाता है।

    भजन, प्रार्थना गायन के साथ समारोह शुरू होता है और आग के चारों ओर एक पवित्र अनुष्ठान होता है, जिसमें अग्नि देवता अग्नि को चढ़ाया जाता है। दीपक जलाए जाते हैं और आरती होती है। इसी तरह त्रिवेणी घाट पर भी हर शाम गंगा आरती का अद्भुत दृश्‍य दिखाई देता है।