Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऋषिकेश कांग्रेस पार्षद का जाति प्रमाणपत्र निकला फर्जी, खतरे में सीट

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 15 Jan 2019 12:51 PM (IST)

    नगर निगम ऋषिकेश में एक कांग्रेस पार्षद का जाति प्रमाणपत्र फर्जी निकला है। डीएम ने प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया है। जिसके बाद पार्षद की सीट खतरे में पड़ गई है।

    ऋषिकेश कांग्रेस पार्षद का जाति प्रमाणपत्र निकला फर्जी, खतरे में सीट

    देहरादून, जेएनएन। दून के बाद अब नगर निगम ऋषिकेश में एक कांग्रेस पार्षद का जाति प्रमाणपत्र फर्जी निकला है। जिलाधिकारी ने प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया है। जिसके बाद पार्षद की सीट खतरे में पड़ गई है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दी है। आयोग पार्षद पद पर चुनाव को लेकर फैसला लेगा। इधर, चुनाव के लिए एक के बाद एक फर्जी जाति प्रमाणपत्र उपयोग करने के मामले ने पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नगर निगम ऋषिकेश के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रियंका यादव ने नामांकन के दौरान ही कांग्रेस प्रत्याशी रीना गुप्ता के ओबीसी के जाति प्रमाणपत्र पर सवाल खड़े किए थे। उस दौरान निर्वाचन अधिकारी ने जांच कराने की बात कही थी। जांच रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस प्रत्याशी रीना गुप्ता चुनाव जीत गईं। इस मामले में पिछले दो माह से जांच जारी थी।

    तहसीलदार से लेकर पटवारी और इसके बाद जिलाधिकारी ने स्क्रूटनी समिति गठित की थी। कांग्रेस पार्षद रीना गुप्ता पर आरोप था कि वह मूल रूप से बिहार की रहने वाली हैं। शादी कर ऋषिकेश आने के बाद उन्होंने अपनी जाति को ओबीसी दर्शाया। इसके लिए दस्तावेजों में कूटरचना करने का आरोप लगाया गया। रीना गुप्ता पर आरोप था कि दस्तावेजों में कूटरचना कर 2013 में खरीदी गई, जमीन को 1983 दर्शाया गया। आरोप है कि इसी कूटरचना पर कांग्रेस की प्रत्याशी रीना गुप्ता ने जाति प्रमाणपत्र हासिल किया है।

    सोमवार को जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने स्क्रूटनी समिति की बैठक ली। बैठक में समिति के सदस्य एडीएम प्रशासन अरविंद पांडेय, एसडीएम ऋषिकेश, जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर, तहसीलदार आदि की मौजूदगी में करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा की। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने बताया कि जाति प्रमाणपत्र फर्जी होने से निरस्त कर दिया है। पार्षद पद पर रीना गुप्ता बनी रहेगी या दोबारा चुनाव होगा, यह फैसला सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग करेगा। ऐसे में आयोग और सरकार को रिपोर्ट भेज दी है। 

    दून के बाद दूसरा मामला 

    नगर निगम देहरादून में कांग्रेस प्रत्याशी और पार्षद बनी रीतारानी का अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र फर्जी निकला था। प्रमाणपत्र को जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया था। यह मामला अभी आयोग और सरकार के पास विचाराधीन है। इसके बाद ऋषिकेश में दूसरा मामला सामने आने से अब जाति प्रमाणपत्रों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में अन्य पार्षदों के जाति और आय प्रमाणपत्रों की जांच हुई तो बड़े खुलासे हो सकते हैं।

    यह भी पढ़ें: बेचने के लिए दूसरे का मकान दिखाकर वृद्धा से हड़पे दस लाख रुपये

    यह भी पढ़ें: आयुर्वेद विवि में नौकरी दिलाने के नाम पर दो भाइयों ने ठगे 1.41 करोड़

    comedy show banner
    comedy show banner