मलवे और बोल्डर आने से रेटाड-खोलरा-हिंवाई मार्ग हुआ बंद, मीलों पैदल लगने को मजबूर ग्रामीण
चकराता क्षेत्र में कांडीधार से रेटाड-खोलरा-हिंवाई मार्ग पर मलबा आने से यातायात बाधित है। कई दिनों से मार्ग बंद होने के कारण ग्रामीणों और किसानों को भारी परेशानी हो रही है। किसानों को अपनी फसलें खच्चरों से ढुलानी पड़ रही हैं। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से मार्ग को जल्द खोलने की मांग की है। विभाग मार्ग खोलने का प्रयास कर रहा है।

संवाद सूत्र, त्यूणी। चकराता क्षेत्र के कांडीधार से बने रेटाड-खोलरा-हिंवाई मार्ग पर भारी मात्रा में आए मलवे और बोल्डर के कारण यातायात पिछले कई दिनों से बाधित है। वर्षाकाल में पहाड़ दरकने से बंद इस मार्ग पर वाहनों का संचालन ठप है। ऐसे में ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
खास तौर से किसानों की मुसीबत बढ़ी हुई है। किसानों को अपनी नकदी फसलें खच्चरों से ढुलान करनी पड़ रही है। स्थानीय निवासियों ने लोक निर्माण विभाग से बंद मार्ग को जल्द खोलने की मांग की है।
वर्षाकाल में मौसम के कारण जौनसार बावर के सीमांत इलाकों में संपर्क मार्ग बंद होने से लोग परेशान हैं। यातायात बाधित होने से उन्हें मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी कृपाल सिंह चौहान, मातवर सिंह, धन सिंह, महावीर सिंह, हुकम सिंह, टीकम सिंह, शूरवीर सिंह, सरदार सिंह आदि ने बताया कि भूस्खलन से मार्ग मलबे में दब गया है।
उन्होंने बताया कि किसानों को खच्चरों से ढुलान करने के लिए अतिरिक्त भाड़ा चुकाना पड़ रहा है, जिससे उनका मुनाफा प्रभावित हो रहा है। इससे छोटे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रभावित किसानों ने विभाग से यातायात व्यवस्था जल्द संचालित करने का आग्रह किया है। सहायक अभियंता लोनिवि चकराता आदित्य नाथ ठाकुर ने बताया कि मार्ग का अधिकांश हिस्सा पहाड़ दरकने से ध्वस्त हो गया है। इसे खोलने के प्रयास जारी हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।